नयी दिल्ली, 10 सितंबर (भाषा) हार्वर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस ‘मूर्ति क्लासिक्स’ की 10वीं वर्षगांठ के अवसर पर भारतीय उपमहाद्वीप की कुछ सबसे प्रतिष्ठित साहित्यिक कृतियों का एक नया ऐतिहासिक संग्रह प्रकाशित कर रहा है।
‘मूर्ति क्लासिकल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया’ की ‘‘टेन इंडियन क्लासिक्स’’ पुस्तक संग्रह का विमोचन 18 अक्टूबर को होगा। कवि एवं अनुवादक रंजीत होसकोटे ने इसकी प्रस्तावना लिखी है।
पिछले दशक में, मूर्ति क्लासिकल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया ने गत दो सहस्राब्दियों की भारत की कुछ महानतम साहित्यिक कृतियों को नयी पीढ़ी के लिए मूल अनुवाद में पुनः प्रस्तुत किया है। ये रचनाएं विश्व साहित्य की बहुमूल्य विरासत का हिस्सा हैं।
यह श्रृंखला उपयुक्त क्षेत्रीय लिपि में शास्त्रीय कृतियों का अंग्रेजी अनुवाद प्रदान करती है और श्रृंखला में हर साल नयी किताबें जोड़ी जाती हैं।
एक बयान में कहा गया है कि नया संकलन भारत की साहित्यिक परंपराओं के प्रमुख विशेषज्ञों द्वारा हिंदी, कन्नड़, पाली, पंजाबी, फारसी, संस्कृत, तेलुगु और उर्दू में किए मूल अनुवादों को दिखाता है।
इस संकलन में भारतीय उपमहाद्वीप में छठी शताब्दी ईसा पूर्व से शुरू होकर 18वीं शताब्दी तक महिलाओं की दुनिया की कुछ सबसे पुरानी रचनाएं, उत्कृष्ट संस्कृत दरबारी कविताएं और पवित्र सिख परंपरा के छंद शामिल हैं, जिनका पाठ लाखों लोगों द्वारा किया जाता है।
इस संग्रह में मुगल सम्राट अकबर का प्रसिद्ध इतिहास और तुलसीदास द्वारा रचित महाकाव्य रामायण का पुनर्कथन भी शामिल है जिसका उत्तर भारत में आज भी पाठ किया जाता है। इसमें सूरदास, मीर तकी मीर और बुल्ले शाह की कविताएं भी शामिल हैं जो आज भी कलाकारों को प्रेरित करती हैं।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस में संपादकीय निदेशक शर्मिला सेन ने कहा कि ‘‘टेन इंडियन क्लासिक्स’’ दक्षिण एशिया के जीवंत साहित्यिक संस्कृतियों का जश्न है।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रत्येक पृष्ठ पिछली दो सहस्राब्दियों से भारत की महानतम साहित्यिक कृतियों को दुनिया के सबसे बड़े पाठक वर्ग के सामने प्रस्तुत करने के हमारे नए वादे से ओत-प्रोत है।’’
होसकोटे के अनुसार, ‘टेन इंडियन क्लासिक्स’, 2,500 साल की अवधि में दक्षिण एशिया की साहित्यिक परंपराओं की जीवंत विविधता का प्रतीक है।
भाषा गोला नरेश
नरेश
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