अहमदाबाद। कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल का झुकाव इन दिनों भाजपा की तरफ बढ़ते जा रहा है। हार्दिक कांग्रेस पर पहले ही आरोप लगा चुके हैं कि, गुजरात कांग्रेस के स्थानीय नेता न खुद काम कर रहे हैं और न ही किसी और को काम करने दे रहे हैं। इसी बीच अहमदाबाद सेशन कोर्ट से हार्दिक को बड़ी राहत दी है। राज्य सरकार की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पाटीदार नेता समेत अन्य 17 लोगों पर लगे केस वापस लेने की अनुमति दे दी है। मेट्रोपॉलियन कोर्ट ने अप्रैल में सरकार की अर्जी को खारिज कर दिया था। इसके बाद सरकार मामले को लेकर सत्र न्यायालय पहुंची थी। विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले हो रहे इन घटनाक्रमों ने कांग्रेस में हलचल बढ़ा दी है।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<
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हार्दिक पटेल ने कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने इसे सत्य की बड़ी जीत बताई है। हार्दिक ने ट्वीट करते हुए लिखा सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं।
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दरअसल यह पूरा मामला साल 2017 का है। नगर पार्षद परेश पटेल केस पाटीदार नेता हार्दिक पटेल समेत 21 लोगों के खिलाफ तोड़फोड़, उपद्रव फैलाने का मामला दर्ज करवाया था। परेश पटेल की तरफ से की गई शिकायत में कहा गया था कि हार्दिक पटेल और उनके समर्थकों ने उनके घर के अंदर आकर तोड़फोड़ की थी। अब सत्र न्यायालय ने अपने आदेश में एफआईआर में नामित सभी 21 आरोपियों को रिहा करने का आदेश दिया है।
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हार्दिक पटेल पिछले कुछ समय से गुजरात कांग्रेस ने नाराज नजर आ रहे हैं। उन्होंने गुजरात कांग्रेस के नेताओं पर काम न करने और ना दूसरों को काम न करने देने का आरोप लगाया था। पार्टी नेताओं पर ये आरोप लगाने से पहले हार्दिक ने कांग्रेस छोड़ने की खबर को खारिज किया था, उन्होंने कहा था कि वो पार्टी हाईकमान से नाराज नहीं है। इसी बीच उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से कांग्रेस का चुनाव चिह्न- हाथ का पंजा और अपने पद का ब्योरा हटा लिया है। उनके ऐसा करने से लोग तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं।