नयी दिल्ली: लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह को बृहस्पतिवार को उत्तराखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया। यह पद बेबी रानी मौर्य के इस्तीफे देने के बाद खाली हुआ था। लेफ्टिनेंट जनरल सिंह सेना के उप प्रमुख के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मौर्य का इस्तीफा स्वीकार कर लिया और सिंह को राज्य का राज्यपाल नियुक्त किया।
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कई पदकों से सम्मानिक अधिकारी, लेफ्टिनेंट जनरल सिंह लगभग चार दशकों की सेवा के बाद फरवरी 2016 में सेना से सेवानिवृत्त हुए थे। लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने सेना में अपनी सेवा के दौरान सेना के उप प्रमुख, सहायक जनरल और कश्मीर में नियंत्रण रेखा की निगरानी करने वाली 15वीं कोर के कोर कमांडर के पद पर काम किया।
वह सैन्य संचालनों के अतिरिक्त महानिदेशक के रूप में चीन से जुड़े परिचालन और सैन्य रणनीतिक मुद्दों को भी संभाल रहे थे। लेफ्टिनेंट जनरल सिंह सेना में रहने के दौरान, एक दशक से अधिक समय तक कई विशेषज्ञ समूहों, संयुक्त कार्य समूहों, वार्षिक संवादों और चीन अध्ययन समूह की बैठकों का हिस्सा रहे।
लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने महत्वपूर्ण सैन्य कूटनीतिक और सीमा या वास्तविक नियंत्रण रेखा की बैठकों के लिए सात बार चीन का दौरा किया। डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कोर्स और नेशनल डिफेंस कॉलेज से स्नातक, लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने चेन्नई और इंदौर विश्वविद्यालयों से दो एम.फिल किए हैं। इस नयी नियुक्ति के अलावा, राष्ट्रपति ने कुछ राज्यों के राज्यपालों के फेरबदल का भी आदेश दिया, जिसमें बनवारीलाल पुरोहित को तमिलनाडु से पंजाब स्थानांतरित किया जाना शामिल है। वह पहले पंजाब का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे थे।
केंद्र के वार्ताकार और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी आर एन रवि को नागालैंड से तमिलनाडु के नये राज्यपाल के रूप में स्थानांतरित किया गया है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि वर्तमान में असम के राज्यपाल जगदीश मुखी को नयी नियुक्ति होने तक उनके प्रभार के अलावा नगालैंड के राज्यपाल के कार्यों का निर्वहन करने के लिए नियुक्त किया गया है।
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