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Anganwadi Karyakarta Latest News: हाईकोर्ट ने रद्द कर दी ऐसे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की नियुक्ति, कहा- इन्हें आंगनबाड़ी का काम करने में परेशानी होगी

Anganwadi Karyakarta Latest News: हाईकोर्ट ने रद्द कर दी ऐसे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की नियुक्ति, कहा- इन्हें आंगनबाड़ी का काम करने में परेशानी होगी

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Modified Date: January 28, 2025 / 02:10 PM IST
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Published Date: January 28, 2025 2:10 pm IST
HIGHLIGHTS
  • 70% दिव्यांग महिला को आंगनवाड़ी में नियुक्ति से अयोग्य ठहराया गया
  • कोर्ट ने कहा कि शारीरिक फिटनेस के बिना आंगनवाड़ी कार्य में मुश्किलें हो सकती हैं
  • महिला ने डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के दौरान फिटनेस प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया था

अहमदाबाद: Anganwadi Karyakarta Latest News आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओें की नियुक्ति को लेकर हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला दिया है। हाईकोर्ट ने 70 फीसदी दिव्यांग महिलाओं की नौकरी को अयोग्य घोषित कर दिया गया है। मामले में न्यायमूर्ति ए.एस. सुपेहिया और न्यायमूर्ति गीता गोपी डबल बेंच में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि ऐसे लोगों को नियुक्ति देकर लगती की गई है। उन्होंने कहा कि “अपीलकर्ता प्राधिकारियों को मेडिकल फिटनेस के मुद्दे पर आगे जांच करने की आवश्यकता नहीं है और उन्हें केवल इस निष्कर्ष पर पहुंचना है कि मेडिकल प्रमाणपत्र पर्याप्त है या नहीं।”

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Anganwadi Karyakarta Latest News हाई कोर्ट ने अधिकारियों की अपील को गुण-दोष के आधार पर स्वीकार कर लिया और एकल न्यायाधीश के फैसले को रद्द कर दिया। यह मामला 70 फीसदी दिव्यांग महिला से जुड़ा हुआ था, जिसने आंगनवाड़ी की परीक्षा पास की थी, लेकिन उसे नौकरी नहीं दी गई, क्योंकि वह 70 फीसदी विकलांग थी।

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दरअसल एक महिला ने आंगनवाड़ी में नौकरी के लिए आवेदन किया था और शुरुआत में उसका चयन भी हुआ, लेकिन डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के दौरान सामने आया कि महिला 70 फीसदी विकलांग है। महिला ने फिटनेस सर्टिफेकिट में जमा किया था, लेकिन उसे नौकरी नहीं दी गई। महिला ने अदालत में मामले को चुनौती दी और एक जज की बेंच ने महिला के हित में फैसला सुनाया। इस पर अधिकारियों ने याचिका लगाई और दो जजों की बेंच फैसला पलटते हुए महिला को नौकरी के लिए अयोग्य करार दिया।

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दो जजों की बेंच ने कहा कि महिला 40 फीसदी से ज्यादा दिव्यांग है। ऐसे में उसे आंगनवाड़ी से जुड़े काम करने में परेशानी होगी। आंगनवाड़ी में महिलाओं को छोटे बच्चों के पोषण का ध्यान रखना होता है। गर्भवती महिलाओं की भी सेहत का ध्यान रखना होता है। बच्चे के जन्म के बाद टीकाकरण और सेहत से जुड़ी अन्य जरूरतों का ध्यान रखना होता है। किसी बच्चे के बीमार होने पर उसे अस्पताल तक ले जाना और समय-समय पर अपडेट लेना होता है। इस सिलसिले में कई बार बच्चों और महिलाओं के घर तक जाना पड़ता है। बच्चों की प्री स्कूलिंग के लिए उन्हें घर से आंगनवाड़ी केंद्र तक और केंद्र से घर तक छोड़ना होता है। इन सभी तरह के काम करने के लिए शारीरिक फिटनेस जरूरी है। इसी वजह से महिला को आंगनवाड़ी की नौकरी के लिए अयोग्य पाया गया।

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क्या 70% दिव्यांग व्यक्ति को आंगनवाड़ी की नौकरी मिल सकती है?

नहीं, यदि किसी व्यक्ति के पास 40% से अधिक विकलांगता है, तो उसे आंगनवाड़ी की नौकरी में शारीरिक रूप से मुश्किल हो सकती है, और ऐसी स्थिति में उसे अयोग्य ठहराया जा सकता है।

आंगनवाड़ी में काम करने के लिए शारीरिक फिटनेस क्यों जरूरी है?

आंगनवाड़ी कार्य में बच्चों और गर्भवती महिलाओं की देखभाल, समय-समय पर अस्पताल जाना और बच्चों को केंद्र से घर तक पहुंचाना शामिल होता है, जो शारीरिक मेहनत की आवश्यकता होती है।

क्या दिव्यांगता का प्रमाणपत्र पर्याप्त होता है?

हां, दिव्यांगता का प्रमाणपत्र एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है, लेकिन यदि विकलांगता ज्यादा है तो मेडिकल फिटनेस की जांच की जाती है।