पाटण (गुजरात), 26 दिसंबर (भाषा) गुजरात में कांग्रेस के विधायक किरीट पटेल और 20 अन्य लोगों को 16 दिसंबर को पाटण जिले में एक विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिसकर्मियों पर कथित हमले के सिलसिले में बृहस्पतिवार को गिरफ्तार कर लिया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
पाटण निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले पटेल, सिद्धपुर के पूर्व विधायक चंदनजी ठाकोर और लगभग 200 कांग्रेस कार्यकर्ताओं एवं पार्टी की छात्र शाखा नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के सदस्यों ने छात्रावास में शराब पीने को लेकर हेमचंद्राचार्य उत्तर गुजरात विश्वविद्यालय (एचएनजीयू) में विरोध प्रदर्शन किया था।
अधिकारियों ने बताया कि अगले दिन पाटण ‘बी’ डिवीजन पुलिस ने पटेल और अन्य के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पुलिसकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार करने और उन पर हमला करने के आरोप में मामला दर्ज किया।
पुलिस उपाधीक्षक के. के. पांड्या ने बताया कि घटना के बाद कुछ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था, जबकि पटेल और ठाकोर फरार थे।
पंड्या ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘बाद में किरीट पटेल, चंदनजी ठाकोर और 19 अन्य कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने स्थानीय पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और हमने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। हमने पहले 12 लोगों को गिरफ्तार किया था। इन सभी पर विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शन के दौरान ड्यूटी पर मौजूद पुलिसकर्मियों से गाली-गलौज करने और उन पर हमला करने का आरोप है।’’
पटेल और अन्य पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 121-1 (लोक सेवक को उसके कर्तव्यों के निर्वहन से रोकने के इरादे से उसे चोट पहुंचाना), 132 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) और 224 (लोक सेवक को चोट पहुंचाने की धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
विपक्षी पार्टी के विधायक और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सोमवार को एचएनजीयू परिसर में प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि पुलिस ने आठ दिसंबर को विश्वविद्यालय के छात्रावास के कमरे में शराब का सेवन करते पकड़े गए तीन युवकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की।
गुजरात में शराब का सेवन अवैध है।
पाटण में जिला स्तरीय टूर्नामेंट से पहले लड़कों के छात्रावास के एक कमरे में ठहरे आणंद जिले के तीन बास्केटबॉल खिलाड़ियों को प्राचार्य ने शराब पीते हुए पकड़ा था।
पटेल ने दावा किया कि कर्मचारियों ने उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया, लेकिन बिना किसी कार्रवाई के तीनों को छोड़ दिया गया।
प्रदर्शन के दौरान कुलपति के. सी. पोरिया के चैंबर में प्रवेश से मना किए जाने पर पटेल की कुछ पुलिसकर्मियों से बहस हो गई। सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो में पटेल कुलपति कार्यालय के बाहर ग्रिल के पार से एक पुलिसकर्मी को पकड़ते दिख रहे हैं।
भाषा सुरभि वैभव
वैभव
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