ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को जारी एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के जीएसटी नोटिसों पर लगी रोक |

ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को जारी एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के जीएसटी नोटिसों पर लगी रोक

ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को जारी एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के जीएसटी नोटिसों पर लगी रोक

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Modified Date: January 10, 2025 / 02:08 PM IST
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Published Date: January 10, 2025 2:08 pm IST

नयी दिल्ली, 10 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने कर चोरी के आरोप में ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों और जुआघरों को जीएसटी प्राधिकारियों की ओर से जारी एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के कारण बताओ नोटिसों पर शुक्रवार को रोक लगा दी।

न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर. महादेवन की पीठ ने कहा कि इन मामलों में सुनवाई की जरूरत है और इस बीच गेमिंग कंपनियों के खिलाफ सभी कार्यवाही पर रोक लगाई जानी चाहिए।

जीएसटी विभाग का प्रतिनिधित्व करने वाले अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एन. वेंकटरमन ने कहा कि कुछ कारण बताओ नोटिसों की अवधि फरवरी में समाप्त हो जाएगी

मामले पर अगली सुनवाई के लिए 18 मार्च की तारीख तय की गई है।

अक्टूबर 2023 में जीएसटी अधिकारियों ने कर चोरी के लिए ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए थे।

सरकार ने जीएसटी कानून में संशोधन किया था, जिससे विदेशी ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के लिए 1 अक्टूबर, 2023 से भारत में पंजीकरण कराना अनिवार्य हो गया था।

अगस्त 2023 में जीएसटी परिषद ने स्पष्ट किया था कि ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म पर लगाए गए दांव के पूरे मूल्य पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाएगा। गेमिंग कंपनियों ने इसके खिलाफ विभिन्न उच्च न्यायालयों का रुख किया था।

शीर्ष अदालत ने पिछले साल केंद्र की याचिका स्वीकार कर ली थी और ई-गेमिंग कंपनियों पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने को चुनौती देते हुए नौ उच्च न्यायालयों में दायर याचिकाओं को अपने पास स्थानांतरित कर लिया था।

गेम्स 24×7, हेड डिजिटल वर्क्स, फेडरेशन ऑफ इंडियन फैंटेसी स्पोर्ट्स जैसी कई ऑनलाइन गेमिंग कंपनी ने जीएसटी लगाए जाने को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था।

भाषा जोहेब नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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