भारत में जंगलों के बाहर पेड़ उगाने से पर्यावरणीय, आर्थिक लाभ मिल सकते हैं: अध्ययन |

भारत में जंगलों के बाहर पेड़ उगाने से पर्यावरणीय, आर्थिक लाभ मिल सकते हैं: अध्ययन

भारत में जंगलों के बाहर पेड़ उगाने से पर्यावरणीय, आर्थिक लाभ मिल सकते हैं: अध्ययन

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:19 PM IST, Published Date : May 25, 2022/5:41 pm IST

नयी दिल्ली, 25 मई (भाषा) भारत में जंगलों के बाहर पेड़ उगाने से अनेक पर्यावरणीय और आर्थिक लाभ प्राप्त हो सकते हैं तथा इसके लिए प्रोत्साहनों का विस्तार किए जाने की आवयकता है। यह बात वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टिट्यूट (डब्ल्यूआरआई) के एक अध्ययन में कही गई है।

वैश्विक अनुसंधान से जुड़े गैर-लाभकारी संगठन के अध्ययन में 10 प्रकार के ऐसे प्रोत्साहनों की पहचान की गई है जिनका उपयोग नीति निर्माता किसानों को पेड़ उगाने के वास्ते प्रोत्साहित करने के लिए करते हैं।

जलवायु परिवर्तन संबंधी अंतर-सरकारी समिति (आईपीसीसी) की छठी आकलन रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत उन देशों में से है जहां जलवायु परिवर्तन से तापमान और समुद्र के स्तर में वृद्धि तथा मौसम के क्रम में बदलाव के रूप में सबसे अधिक प्रभाव होगा।

अध्ययन के लेखकों में से एक रुचिका सिंह ने कहा कि एक महत्वपूर्ण अंतर देशी प्रजातियों और पारंपरिक कृषि वानिकी पुरुद्धार संबंधी मॉडल के लिए प्रोत्साहन की कमी का है।

सतत भू-परिदृश्य एवं पुनरुद्धार, डब्ल्यूआरआई, इंडिया की निदेशक सिंह ने ई-मेल पर पीटीआई-भाषा से कहा कि वृक्षों के आवरण को बढ़ाने संबंधी प्रोत्साहन पारंपरिक कृषि वानिकी प्रथाओं की अनदेखी करता है जिनका इस्तेमाल समुदाय अपने भू-परिदृश्य के भीतर पेड़ उगाने के लिए करते रहे हैं।

लेखकों ने उल्लेख किया कि जहां पारिस्थितिकी रूप से उपयुक्त हो वहां भू-परिदृश्य दृष्टिकोण का उपयोग कर वन क्षेत्रों के बाहर देशी पेड़ उगाने के कई सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय लाभ होते हैं।

इन लाभों में शहरी क्षेत्रों में गर्मी में कमी, ग्रामीण परिदृश्य में जैव विविधता और मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार तथा जलवायु परिवर्तन में कमी जैसे लाभ शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि जंगलों के बाहर पेड़ उगाने से पानी की गुणवत्ता, नौकरियों और आजीविका में सुधार, आजीविका के लिए भूमि पर निर्भर समुदायों के लिए भोजन उपलब्ध होने जैसे लाभ भी होते हैं।

सिंह ने कहा कि देशी वृक्ष प्रजातियों और पारंपरिक कृषि वानिकी मॉडल को बढ़ावा देने वाले कृषि वानिकी मॉडल को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है।

लेखकों ने कहा कि सरकार वनों के बाहर के पेड़ उगाने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य जैसे प्रोत्साहनों का विस्तार कर सकती है जिससे कि किसानों को कृषि भूमि का पुनरुद्धार करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।

भाषा नेत्रपाल पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)