नयी दिल्ली, पांच जनवरी (भाषा) कांग्रेस ने रविवार को ग्रेट निकोबार द्वीप की अवसंरचना परियोजना को ‘‘पारिस्थितिकी और मानवीय आपदा को न्योता’ करार दिया।
देश की मुख्य विपक्षी पार्टी ने कहा कि प्रधानमंत्री को तुरंत इस पर रोक लगानी चाहिए तथा इसकी समीक्षा के लिए एक स्वतंत्र समिति गठित करनी चाहिए।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि अतीत में उनके द्वारा उठाई गई कई आपत्तियों के बावजूद मोदी सरकार इस परियोजना को आगे बढ़ा रही है।
उन्होंने ‘एक्स’ पर जारी पोस्ट में कहा, ‘‘ग्रेट निकोबार द्वीप में 72,000 करोड़ रुपये की विशाल बुनियादी ढांचा परियोजना पारिस्थितिकी और मानवीय आपदा को न्योता है। संभावित त्रासदी पर केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री के साथ मेरी बातचीत लोगों के सामने है।’’
पूर्व केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने कहा कि परियोजना के तहत एक अंतरराष्ट्रीय कंटेनर ट्रांसशिपमेंट बंदरगाह, एक हवाई अड्डा, एक बिजली संयंत्र, एक विशाल ग्रीनफील्ड टाउनशिप और पर्यटन सुविधाएं विकसित की जानी है।
रमेश ने कहा, ‘‘पूरी परियोजना से कम से कम 33,000 एकड़ प्राचीन उष्णकटिबंधीय वन नष्ट हो जाएंगे। अब खबर है कि इस परियोजना का विस्तार करके इसमें एक क्रूज टर्मिनल स्थापित करने का प्रस्ताव है, जो वैश्विक बंदरगाह आधारित शहर की सुविधा प्रदान करेगा तथा एक जहाज निर्माण और जहाज मरम्मत सुविधा तथा एक निर्यात-आयात बंदरगाह स्थापित किया जाएगा।’’
उन्होंने दावा किया कि इन प्रस्तावों के चलते जैवविविधता से समृद्ध 100 एकड़ अतिरिक्त वन नष्ट हो जायेंगे।
भाषा धीरज राजकुमार
राजकुमार
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