नयी दिल्ली, 29 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के एक फैसले को बुधवार को खारिज करते हुए सड़क हादसे में जान गंवाने वाले एक दंपति की बेटियों को एक करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति देने का आदेश बहाल कर दिया।
न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति एहसानुद्दीन अमानुल्ला ने दंपति की बेटियों की उस याचिका को स्वीकार कर लिया, जिसमें उन्होंने उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी थी।
यह मामला एक सड़क दुर्घटना से उपजा था, जिसमें एस विष्णु गंगा, एस सुधा माहेश्वरी, ए एश्वर्य गंगा और एस सुधा रानी के माता-पिता की मौत हो गई थी।
दंपति सलेम से मदुरै की ओर जा रहे थे, तभी नमक्कल के पास एक बस ने उनके वाहन में टक्कर मार दी। इस हादसे में दंपति की मौत गई। घटना की जांच के दौरान सामने आया कि टक्कर मारने वाली बस का बीमा नहीं था।
सबूतों पर विचार करने के बाद अधिकरण ने 25 नवंबर 2014 को पिता की मौत के लिए 58,24,000 रुपये और मां की मौत के लिए 93,61,000 रुपये का मुआवजा 7.5 प्रतिशत प्रति वर्ष की ब्याज दर के साथ देने का आदेश दिया।
हालांकि, बीमा कंपनी एम/एस ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने फैसले को कर्नाटक उच्च न्यायालय में चुनौती दी, जिसने 2017 में पिता की मौत के लिए मुआवजा राशि घटाकर 26.68 लाख रुपये और मां के लिए 19.22 लाख रुपये कर दी।
न्यायमूर्ति अमानुल्ला ने फैसले में कहा कि कर्नाटक उच्च न्यायालय ने अनुचित तरीके से मुआवजा राशि कम की।
पीठ ने कहा कि न्यायाधिकरण के फैसले पर अच्छी तरह से विचार किया गया और स्थापित कानूनी मिसालों का पालन किया गया।
शीर्ष अदालत ने कहा, “उच्च न्यायालय का तर्क स्थापित कानून के खिलाफ है। समग्र दृष्टिकोण अपनाने पर हम पाते हैं कि उक्त निर्णय हस्तक्षेप के योग्य है। तदनुसार, इसे खारिज किया जाता है। न्यायाधिकरण द्वारा पारित फैसला बहाल किया जाता है।”
भाषा पारुल पवनेश
पवनेश
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)