Govt Employees Salary and Pension not Credited to Bank Account : शिमला: वित्तीय संकट से जूझ रहे हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस महीने अपने सरकारी कर्मचारियों को सैलरी और रिटायर्ड कर्मियों को पेंशन अब तक उनके खातों में अंतरण नहीं किया हैं। इस पर विपक्षी दल भाजपा ने राज्य सरकार के मुखिया सुखविंदर सिंह सुक्खू पर हमला बोला हैं। विपक्षी दल के नेता और पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने सीएम को चुनाव पहले किये गए वादे भी याद दिलाये है।
जयराम ठाकुर ने मीडिया से हुई बातचीत में कहा, आपने सत्ता हासिल करने के लिए 10 गारंटी दी। अगर वादे किए हैं तो उसे पूरा करना आपकी जिम्मेदारी है। जब हम थे तब तक हमने समय पर सैलरी और अन्य चीजें दी हैं लेकिन सुक्खू जी को आज अपनी जिम्मेदारी लेनी चाहिए क्योंकि वह कब तक अपनी जिम्मेदारी से भागते रहेंगे।
Govt Employees Salary and Pension not Credited to Bank Account जयराम ठाकुर ने आगे कहा कि, ‘मुख्यमंत्री जी जनता को गुमराह कर रहे हैं कि प्रदेश में वित्तीय संकट नहीं है अगर संकट नहीं है तो सैलरी और पेंशन क्यों नहीं है, विकास कार्य को बंद क्यों किया जा रहा है इसका जवाब उन्हें देने की आवश्यकता है..’
#WATCH शिमला (हिमाचल प्रदेश): हिमाचल प्रदेश की वित्तीय स्थिति पर भाजपा नेता जयराम ठाकुर ने कहा, “…आपने(सुखविंदर सिंह सुक्खू) सत्ता हासिल करने के लिए 10 गारंटी दी। अगर वादे किए हैं तो उसे पूरा करना आपकी जिम्मेदारी है…जब हम थे तब तक हमने समय पर सैलरी और अन्य चीजें दी हैं लेकिन… pic.twitter.com/hcrvaHNLxq
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 4, 2024
गौरतलब है कि, हिमाचल प्रदेश में ऐसा पहली दफे हुआ हैं जब सरकारी कर्मचारियों की तनख्वाह महीने की पहली तारीख को उनके खातों में जमा नहीं हो सकी हैं। अब सभी की पगार अगले दो-तीन दिनों में खातों में जमा होगी। सूत्रों की मानें तो आने वाले 5 सितम्बर को ट्रेजरी में पैसा आएगा।
Govt Employees Salary and Pension not Credited to Bank Account बता दें कि हिमाचल प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों को हर महीने वेतन देने के लिए राज्य सरकार को 1 हजार 200 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते हैं। इसी तरह सेवानिवृत्त कर्मियों के पेंशन पर हर महीने 800 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च होती है। इस तरह देखा जाये तो यह खर्च 2 हजार करोड़ रुपये बनता है। फिलहाल, राज्य सरकार की ओर से वेतन 5 तारीख के बाद ही दिया जाएगा, लेकिन फिलहाल किसी के खाते में राशि नही आई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हिमाचल प्रदेश पर फ़िलहाल करीब 94 हजार करोड़ रुपये का भारी कर्ज है। इस वित्तीय बोझ ने राज्य की माली हालत को कमजोर कर दिया है, जिसके कारण हिमाचल सरकार को पुराने लोन चुकाने के लिए नए कर्ज लेने पड़ रहे हैं। कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए राज्य सरकार पर लगभग 10 हजार करोड़ रुपये की देनदारियां शेष हैं। इस राशि का भुगतान न कर पाने के हालात में सरकार को भारी नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है।
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