देहरादून: Govt Employees Retirement Age देश के कई राज्यों में जहां एक ओर अनियमित कर्मचारी परमानेंट करने की मांग कर रहे हैं तो दूसरी ओर नियमित कर्मचारी रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। हालांकि कई राज्य ऐसे हैं जहां सरकारी कर्मचारी 60 के बजाए 62 साल में उम्र में सेवानिवृत्त होते हैं। इसी कड़ी में प्रदेश सरकार ने भी कर्मचारियों के रिटायरमेंट की उम्र को बढ़ाने का फैसला किया है। हालांकि सरकार ने ये फैसला उन डॉक्टरों के लिए लिया है जो पहाड़ी क्षेत्रों में पदस्थ हैं। रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने का फैसला हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया है।
Govt Employees Retirement Age मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के सरकारी अस्पतालों समेत पर्वतीय जिलों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की काफी कमी है। पर्वतीय जिलों में डॉक्टरों की कमी के कारण आम जनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, इसीलिए उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग की तरफ से डॉक्टरों की सेवा उम्र 60 साल से बढ़ाकर 65 साल करने का प्रस्ताव सरकार को दिया गया था। प्रदेश में सबसे ज्यादा कमी विशेषज्ञ डॉक्टरों की है। प्रदेश सरकार संविदा पर विशेषज्ञ डॉक्टरों को प्रति माह चार से छह लाख रुपए तक मानदेय देने को भी तैयार है। इसके बाद भी डॉक्टर नहीं मिल रहे हैं।
पर्वतीय जिलों में डॉक्टरों के न होने के कारण मरीजों को इलाज की सुविधा नहीं मिल रही है। अब इस समस्या से निपटने के लिए प्रदेश सरकार ने फॉर्मूला तैयार किया है। फॉर्मूले के तहत जिन क्षेत्रों में डॉक्टर नहीं हैं, ऐसे क्षेत्रों में रोटेशन पर डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई जाएगी, जिससे लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो। वर्तमान में डॉक्टरों की आवश्यकता और कमी को लेकर गैप स्टडी कराकर योजना बनाने पर काम किया जा रहा है। डॉक्टरों के ठहरने के लिए आवासों की भी व्यवस्था कराई जाएगी।