नयी दिल्ली, 25 मार्च (भाषा) कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को संसद में बताया कि सरकार ने 2019 में प्रधानमंत्री-किसान योजना की शुरूआत के बाद से अपात्र किसानों से 416 करोड़ रुपये वसूले हैं।
चौहान ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि केंद्र सरकार ने योजना की शुरुआत किये जाने से लेकर अब तक 19 किस्तों में किसानों को 3.68 लाख करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया है।
उन्होंने कहा कि फरवरी 2019 में शुरू की गई पीएम-किसान योजना के तहत, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से किसानों के ‘आधार’ से जुड़े बैंक खातों में तीन समान किस्तों में प्रति वर्ष कुल 6,000 रुपये हस्तांतरित किये जाते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘देश भर में अब तक अपात्र लाभार्थियों से 416 करोड़ रुपये की राशि वसूल की गई है।’’
मंत्री ने बताया कि पीएम-किसान योजना की शुरूआत विश्वास आधारित प्रणाली के रूप में हुई थी, जहां लाभार्थियों को राज्यों द्वारा स्व-प्रमाणन के आधार पर पंजीकृत किया गया था।
उन्होंने कहा कि लाभ केवल पात्र लाभार्थियों को ही मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए भूमि रिकॉड का सत्यापन, ‘आधार’-आधारित भुगतान और ‘ई-केवाईसी’ को अनिवार्य कर दिया गया है।
चौहान ने कहा कि जो किसान इन अनिवार्य मानदंडों को पूरा नहीं करते हैं, उन्हें इस योजना के तहत राशि का हस्तांतरण रोक दिया गया है।
उन्होंने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उच्च आय वर्ग – जैसे कि आयकर का भुगतान करने वाले, सार्वजनिक उपक्रमों, राज्य और केंद्र सरकार के कर्मचारी आदि को इस योजना के तहत हस्तांतरित किसी भी राशि को वसूल करने का आदेश दिया गया है।
मंत्री ने बताया कि योजना में किसानों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए ‘आधार’ प्रमुख मानदंडों में से एक है और योजना का लाभ केवल ‘आधार’ प्रमाणित किसानों को ही दिया जाता है।
चौहान ने कहा कि योजना में किसानों का पंजीकरण एक सतत प्रक्रिया है और वे पीएम-किसान पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन अपना पंजीकरण करा सकते हैं।
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