सरकार ने एनडीआरएफ कर्मियों के लिए 40 प्रतिशत जोखिम भत्ते को मंजूरी दी: अमित शाह |

सरकार ने एनडीआरएफ कर्मियों के लिए 40 प्रतिशत जोखिम भत्ते को मंजूरी दी: अमित शाह

सरकार ने एनडीआरएफ कर्मियों के लिए 40 प्रतिशत जोखिम भत्ते को मंजूरी दी: अमित शाह

:   Modified Date:  June 29, 2024 / 04:29 PM IST, Published Date : June 29, 2024/4:29 pm IST

(तस्वीरों के साथ)

नयी दिल्ली, 29 जून (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को घोषणा की कि केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) बचावकर्मियों द्वारा पूरे किये जाने वाले कठिन अभियानों को ध्यान में रखते हुए उनके लिए 40 प्रतिशत जोखिम और कठिनाई भत्ते को मंजूरी दी है।

उन्होंने एनडीआरएफ के 35 सदस्यीय अभियान दल का स्वागत करते हुए यह बात कही। इस दल ने हाल में हिमाचल प्रदेश में 21,625 फुट ऊंची मणिरंग चोटी पर चढ़ाई की थी।

मणिरंग चोटी हिमाचल प्रदेश के किन्नौर और स्पीति जिलों की सीमा पर स्थित है।

शाह ने ‘विजय’ नामक अभियान दल का स्वागत करने के बाद कहा, ‘‘सरकार ने कल ही एनडीआरएफ कर्मियों के लिए 40 प्रतिशत जोखिम और कठिनाई भत्ते को मंजूरी दी है। यह लंबे समय से लंबित मांग थी… बल के सभी 16,000 कर्मियों को इसका लाभ मिलेगा।’’

अधिकारियों ने बताया कि यह भत्ता वेतन के अतिरिक्त दिया जाएगा।

शाह ने कहा कि सरकार ने विभिन्न केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और एनडीआरएफ जैसे विशेष संगठनों के लिए खेलों को जरूरी बनाने का भी निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय लिया गया है कि इन सुरक्षा बलों की कम से कम एक टीम अनिवार्य रूप से अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय टूर्नामेंट में भाग लेगी।

मंत्री ने कहा, ‘‘खुफिया ब्यूरो के निदेशक की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है और एक खाका तैयार किया गया है। हम जल्द ही एक नया मॉडल पेश करेंगे।’’

शाह ने कहा कि उनकी सरकार ने एनडीआरएफ और राज्य आपदा मोचन बलों की क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण के लिए 2004-14 के दौरान 66,000 करोड़ रुपये की तुलना में 2014-24 के दौरान दो लाख करोड़ रुपये आवंटित करके अधिक धनराशि आवंटित की है।

उन्होंने सफल अभियान के लिए एनडीआरएफ टीम की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह की कवायद से बल की क्षमता और मनोबल बढ़ेगा तथा आपदाओं और दुर्घटनाओं के दौरान वे बेहतर कार्य कर सकेंगे।

शाह ने बचावकर्मियों को आगाह किया कि उन्हें अपनी उपलब्धियों से संतुष्ट नहीं होना चाहिए बल्कि सुधार करते रहना चाहिए।

भाषा

देवेंद्र माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)