दिल्ली, 23 सितंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा ने देश भर में श्रवण बाधितों के भाषाई मानवाधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर सोमवार को जोर दिया।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने सांकेतिक भाषा दिवस-2024 मनाया। इस दौरान, भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र (आईएसएलआरटीसी) ने ‘साइन अप फॉर साइन लैंग्वेज राइट्स’ विषय पर प्रकाश डाला और श्रवण बाधितों के भाषाई अधिकारों पर ध्यान केंद्रित किया।
कार्यक्रम का एक मुख्य आकर्षण भारतीय सांकेतिक भाषा में 2,500 नये शब्द पेश किया जाना था, जो आईएसएलआरटीसी और यूनिकी, इंडिया साइनिंग हैंड्स, ब्रिज कनेक्टिविटी सल्यूशंस और अनुप्रयास जैसे संगठनों के बीच सहयोग के जरिये संभव हुआ।
इस मौके पर वर्मा ने देश भर में बधिर व्यक्तियों के भाषाई मानवाधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
उन्होंने भारतीय सांकेतिक भाषा (आईएसएल) के प्रचार के माध्यम से दिव्यांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूडी) के अधिकारों को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय एवं स्थानीय स्तर पर प्रयास किए जाने की आवश्यकता दोहराई।
विकलांगता मामलों के विभाग के सचिव राजेश अग्रवाल ने बच्चों में विभिन्न प्रकार की अक्षमताओं से निपटने के लिए शीघ्र हस्तक्षेप की आवश्यकता पर बल दिया।
अग्रवाल ने बताया कि आईएसएल में जोड़े गए नये शूब्द गणित, विज्ञान, उच्च शिक्षा, खेल और बुनियादी ढांचा जैसे क्षेत्रों के हैं। इसके अलावा, आईएसएलआरटीसी ने कक्षा छह के श्रवण-बाधित छात्रों के लिए तैयार किए गए 100 विषय विशेष वीडियो पेश किए।
हर साल 23 सितंबर को मनाए जाने वाले सांकेतिक भाषा दिवस का उद्देश्य भाषाई और सांस्कृतिक विविधता के एक अनिवार्य हिस्से के रूप में सांकेतिक भाषाओं को संरक्षित करने और बढ़ावा देने की आवश्यकता पर प्रकाश डालना है।
भाषा पारुल माधव
माधव
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