Government is giving 95 percent subsidy for green house: नई दिल्ली। विकास के साथ साथ यंत्रों का प्रयोग भी धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। नए नए उपकरणों को इन्वेंशन हो रहा है। खासकर कृषि को बढ़ावा देने के लिए खेती किसानी पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। अब कृषि भी मॉडर्न हो गया है। बैलों की जगह ट्रैक्टर और रहट की जगह ट्यूबवेल ने ले ली है। खास बात यह है कि कृषि अब तकनीक पर आधारित हो गई है। नई तकनीकों के सहारे आप किसी भी फसल की खेती किसी भी मौसम में कर सकते हैं।
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दरअसल, ग्रीन हाउस खेती की एक ऐसी तकनीक है, जिसके अंदर खेती करने पर धूप, बारिश और आंधी का फसलों के ऊपर कोई असर नहीं पड़ता है। इसके अंदर आप किसी भी मौसम किसी भी फसल की खेती कर सकते हैं। खास बात यह है कि ग्रीन हाउस के अंदर खेती करने से फसलों की पैदावार भी बंपर मिलती है। साथ ही फसलों की बर्बादी भी न के बराबर होती है। अगर किसान भाई ग्रीन हाउस के अंदर खेती करने का प्लान बना रहे हैं, तो उनके लिए सुनहरा मौका है, क्योंकि राज्य सरकार ग्रीन हाउस के निर्माण पर किसानों को बंपर सब्सिडी दे रही है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार ने ग्रीम हाउस पर मिलने वाली सब्सिडी को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 95 फीसदी कर दिया है। प्रदेश के लघु एवं सीमांत किसान इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। इसके अलावा अधिसूचित जनजाति क्षेत्र के किसानों को भी इस सब्सिडी के दायरे में रखा गया है। यानी कि ये लोग भी अनुदान का लाभ उठा सकते हैं। कहा जा रहा है कि राज्य सरकार ने प्रदेश में संरक्षित खेती को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी को बढ़ाया है।
Government is giving 95 percent subsidy for green house: सीएम अशोक गहलोत ने इस बार विधानसभा बजट पेश करते हुए प्रदेश में संरक्षित खेती को बढ़ावा देने का वादा किया था। इसके तहत प्रदेश के 60 हजार किसानों को दो साल में सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा। किसान भाई सब्सिडी के पैसे से संरक्षित खेती करने के लिए ग्रीन हाउस, पॉली हाउस और शेड का निर्माण करवा सकते हैं।
इस वित्तीय वर्ष 2023- 24 में राज्य सरकार सब्सिडी के ऊपर 501 करोड़ रुपए खर्च करेगी। बता दें कि पहले सामान्य वर्ग के किसानों को ग्रीम हाउस के निर्माण के लिए 50 फीसदी सब्सिडी मिलती थी। वहीं, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति समुदाय से आने वाले फार्मर्स को 70 प्रतिशत अनुदान मिलता था। वहीं, अब सरकार ने छोटे व सीमांत किसानों के साथ- साथ अधिसूचित जनजाति क्षेत्र के किसानों के लिए सब्सिडी राशी बढ़ाकर 95 फीसदी कर दी।
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