पटना। बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग के एक फरमान से सरकारी कर्मचारियों की नींद उड़ा दी है। विभाग ने 50 वर्ष से ऊपर के अक्षम सरकारी कर्मचारियों को हटाने के अपने फैसले पर काम शुरू कर दिया है। सरकार ने जुलाई 2020 में यह अहम फैसला लिया था, अब उसने अपने फैसले को अमलीजामा पहनाने की कार्रवाई शुरू कर दी है।
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सरकार ने इस काम के लिए कमेटी का गठन किया है। तीन सदस्यों और चार सदस्यों की दो अलग-अलग कमेटियां गठित की गई हैं। गृह विभाग के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में इस कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी समूह (क) वाले अधिकारियों के कामकाज की समीक्षा करेगी।
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सरकार ने 50 वर्ष से ऊपर के अक्षम सरकारी कर्मियों के लिए जो फैसला लिया है उसमें उनकी कार्यदक्षता के अलावा सत्यनिष्ठा और आचार व्यवहार को भी शामिल किया गया है। जून के बाद दिसंबर में भी इन दोनों कमेटियों की बैठक बुलाई जाएगी। यानी छह-छह महीने में समीक्षा होगी। सरकार ने जब जुलाई 2020 में इसका फैसला लिया था तो कर्मचारी संगठनों ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की थी।
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इस समिति में गृह विभाग के सचिव और एक आईपीएस रैंक के विशेष सचिव के अलावा विभागीय मुख्य निगरानी पदाधिकारी को शामिल किया गया है। वहीं ग्रुप ख, ग और अवर्गीकृत कर्मचारियों के लिए दूसरी समिति गठित की गई है जिसके अध्यक्ष गृह विभाग के सचिव होंगे।
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उनकी टीम में भी इनके अलावा दो अन्य सदस्य शामिल हैं। यह गृह विभाग के संयुक्त सचिव के अलावा उप सचिव होंगे। वर्ष में दो बार समीक्षा की जाएगी। समिति की अनुशंसा पर इस वर्ष जून से जबरन सेवानिवृत्ति (रिटायरमेंट) की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।