नयी दिल्ली, 14 नवंबर (भाषा) केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को मेघालय स्थित विद्रोही समूह हाइनीवट्रेप नेशनल लिबरेशन काउंसिल (एचएनएलसी) को हिंसक घटनाओं में शामिल होने और भारत की संप्रभुता व अखंडता के लिए हानिकारक गतिविधियों को अंजाम देने के वास्ते पांच साल के लिए प्रतिबंधित संगठन घोषित किया।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि केंद्र सरकार की राय है कि एचएनएलसी ने मेघालय के उन क्षेत्रों को अलग करने का लक्ष्य घोषित किया है, जिनमें मुख्य रूप से खासी और जैंतिया जनजातियां निवास करती हैं, तथा उसने अपने संगठन के वास्ते धन उगाही करने के लिए नागरिकों को डराना-धमकाना जारी रखा है।
इसमें कहा गया है कि यह समूह जबरन वसूली और धमकी देने के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र के अन्य विद्रोही समूहों के साथ भी संबंध बनाए हुए है और नवंबर 2019 से जून 2024 की अवधि के दौरान मेघालय में विस्फोट करने या विस्फोटक लगाने के कई मामलों सहित 48 आपराधिक मामलों में शामिल रहा है।
अधिसूचना में कहा गया, “एचएनएलसी अपने सभी गुटों, शाखाओं और मेघालय के सहयोगी संगठनों के साथ ऐसी गतिविधियों में शामिल रहा है जो भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए हानिकारक हैं।”
अधिसूचना में कहा गया है कि इन सभी तथ्यों पर विचार करते हुए गृह मंत्रालय ने एचएनएलसी को गैरकानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम, 1967 (1967 का 37) के तहत पांच साल के लिए गैरकानूनी घोषित करने का फैसला किया है।
भाषा प्रशांत वैभव
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