लखनऊ : Gorakhnath temple attack case : गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में हमला करने वाले मुर्तजा अब्बास के खिलाफ NIA कोर्ट ने सजा का ऐलान कर दिया है। अदालत ने मुर्तजा को फांसी की सजा सुनाई है। बता दें कि मुर्तजा पर UAPA के तहत मामला दर्ज हुआ था और इसे आतंकी माना गया था। सोमवार को सुनवाई के लिए आतंकी मुर्तजा अब्बास को कड़ी सुरक्षा में लखनऊ में NIA/ATS की अदालत में लाया गया। इसने अप्रैल 2022 में गोरखनाथ मंदिर पर हमला किया था।
Gorakhnath temple attack case : सजा का ऐलान होने के बाद एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा, लगातार 60 दिन के रिकॉर्ड तक सुनवाई के बाद आज सजा का ऐलान हुआ है। इसमें धारा 121 IPC के तहत फांसी की सजा और 307 जो पुलिस पर हमला हुआ था उसमें उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। ADG ने कहा, सभी सबूतों को अदालत के सामने अच्छे से पेश किया गया, अदालत ने सबूतों को सही माना है। ये दिखाता है कि पुलिस की जांच सही थी. देश के खिलाफ जो साजिश थी उसको यूपी पुलिस ने बेनकाब किया है।
Gorakhnath temple attack case : मामले के 10 महीने बाद आज यानी सोमवार को लखनऊ की अदालत में फैसला सुनाया गया। बता दें कि गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात PAC जवानों पर अहमद मुर्तजा अब्बासी ने बड़े धारदार हथियार से हमला किया था और उनके हथियार छीनने की कोशिश की थी।
Gorakhnath temple attack case : जांच में सामने आया कि गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर के पास सिपाहियों पर हमले के मामले का हमलावर नेपाल भी गया था। उससे पुलिस को कई संदिग्ध दस्तावेज भी मिले। दरअसल, गोरखनाथ पीठ में अहमद मुर्तजा अब्बास नाम के शख्स ने हथियार लहराया था इससे हड़कंप मच गया। उसने पुलिसवालों पर हमला कर उन्हें जख्मी कर दिया। मंदिर के पास मौजूद लोगों को धारदार हथियार से डराने की कोशिश की थी।
Gorakhnath temple attack case : इस मामले में आरोपी मुर्तजा के पिता ने आजतक से खास बातचीत करते हुए बताया था कि उसका बेटा मानसिक रूप से बीमार है। वो स्टेबल नहीं है और अकेला नहीं रह सकता है। मुर्तजा के पिता ने कहा था कि बचपन से ही वो बीमार था जिसको हम नहीं समझ पाए लेकिन 2018 में आते-आते इस बीमारी ने भयानक रूप ले लिया। नौकरी के दौरान भी महीने 2 महीने बिना सूचना के कमरे में पड़ा रहता था। नौकरी पर नहीं जाता था। हमने इसका इलाज जामनगर अहमदाबाद में भी करवाया। यह अकेले रह नहीं सकता है, बिल्कुल स्टेबल नहीं है।