नई दिल्लीः Good wishes again from Pakistan लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण के मतदान से पहले एक बार फिर पाकिस्तान की एंट्री हो गई है। इमरान खान सरकार में मंत्री रह चुके फवाद चौधरी ने एक बार फिर राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी को लोकसभा चुनाव में जीत की शुभकामनाएं भी डाली। फवाद चौधरी ने एक न्यूज एजेंसी से कहा कि कश्मीर या हिंदुस्तान के बाकी मुसलमान हों, इस वक्त कट्टरपंथी विचारधारा का सामना कर रहे हैं, जिस प्रकार के बाकी अल्पसंख्यक जुल्म सह रहे हैं। यह बहुत जरूरी है नरेंद्र मोदी चुनाव में शिकस्त खाएं और पाकिस्तान में हर शख्स यही चाहता है कि वह शिकस्त जरूर खाएं। हिंदुस्तान और पाकिस्तान के ताल्लुकात तभी बेहतर हो सकते हैं, जब उग्रवाद कम होगा। पाकिस्तान में हिंदुस्तान को लेकर नफरत नहीं है। लेकिन, वहां पर आरएसएस और भाजपा का अलायंस है। वो पाकिस्तान को लेकर नफरत पैदा कर रहा है, मुसलमानों को लेकर नफरत पैदा कर रहा है और हमारा यह फर्ज है कि इस विचारधारा के लोगों को शिकस्त दें।
Good wishes again from Pakistan फवाद चौधरी ने आगे कहा कि मैं समझता हूं कि भारत के वोटर बेवकूफ नहीं हैं। इसमें इंडियन वोटर का फायदा है, पाकिस्तान से ताल्लुकात बेहतर हों और हिंदुस्तान एक प्रोग्रेसिव मुल्क के तौर पर आगे बढ़े। इसके लिए नरेंद्र मोदी और उनकी जो कट्टरपंथी सोच है, उसकी शिकस्त होना बहुत जरूरी है। जो भी उनको हराएगा चाहे वो राहुल हों, केजरीवाल हों या ममता बनर्जी हों उसके साथ हमारी शुभकामनाएं हैं।
PM Modi isn’t good for Pakistan & hence I want the INDI alliance to win because they’re pro Pakistan – Fawad Chaudhry (Former Pakistani minister who had accepted his role in Pulwama attack)pic.twitter.com/EpK6galB8b
— Mr Sinha (Modi’s family) (@MrSinha_) May 28, 2024
इससे पहले फवाद चौधरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर मंगलवार को आईएएनएस के पीएम मोदी के इंटरव्यू के वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, ”मुझे कोई शौक नहीं है राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल को समर्थन देने का, न ही मैं पाक सरकार का प्रतिनिधित्व करता हूं। मैं वास्तव में जेल में था और पाकिस्तान में फासीवादी शासन का विरोध करने के कारण राजनीति से प्रेरित मामलों का सामना कर रहा था। लेकिन, मैं चरमपंथियों के खिलाफ खड़े होने वाले किसी भी व्यक्ति का समर्थन करूंगा और पीएम मोदी नफरत और उग्रवाद का प्रतीक बन गए हैं, हिंदू महासभा के उदय के कारण भारत के मुसलमानों को नफरत का सामना करना पड़ रहा है।’