नई दिल्ली। मॉडर्ना ने अपनी वैक्सीन के बच्चों पर हुए दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल के नतीजे घोषित किए हैं। कंपनी ने मंगलवार को बयान जारी कर बताया कि उसकी वैक्सीन बच्चों पर 100% प्रभावी और सुरक्षित पाई गई है। यह ट्रायल 12 से 17 साल के बच्चों पर किया गया था।
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मॉडर्ना अपनी सिंगल डोज कोविड वैक्सीन को अगले साल भारत में उतार सकती है। सूत्रों के मुताबिक, कंपनी भारत में वैक्सीन की 5 करोड़ डोज उतारने के लिए सिप्ला समेत देश की कई और दवा कंपनियों से बातचीत कर रही है।
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सबसे पहले फाइजर को मिली मंजूरी
बच्चों के लिए अप्रूवल पाने वाली दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन फाइजर की थी। कनाडा के ड्रग रेगुलेटर हेल्थ कनाडा ने 12 से 15 साल के बच्चों के लिए यह वैक्सीन लगाने की इजाजत दी थी। इससे पहले यह वैक्सीन 16 साल से ज्यादा उम्र वालों को लगाई जा रही थी। इसके बाद अमेरिका में भी इसे इजाजत मिल गई।
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बच्चों में दिखा अच्छा असर
ट्रायल में 12 से 17 साल के 3,732 बच्चों को शामिल किया गया। इनमें 2,488 बच्चों को दोनों डोज लगाए गए। जिन बच्चो को वैक्सीन के दोनों डोज लगे थे, उनमे कोरोना के लक्षण सामने नहीं आए। नतीजे आने के बाद मॉडर्ना ने कहा कि वह अपनी वैक्सीन को बच्चों के लिए मंजूरी दिलवाने के लिए अमेरिका की रेगुलेटर बॉडी FDA के पास जून में अप्लाई करेगी।
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अगर मॉडर्ना को मंजूरी मिल जाती है तो यह अमेरिका में किशोरों के लिए दूसरी वैक्सीन होगी। फेडरल रेगुलेटर्स ने इसी महीने 12 से 15 साल के बच्चों के लिए फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन को मंजूरी दी है। फाइजर की वैक्सीन को शुरुआत में 16 और उससे ज्यादा उम्र के लोगों पर इस्तेमाल के लिए इजाजत दी गई थी। वहीं, मॉडर्ना की वैक्सीन 18 और उससे ज्यादा उम्र के लोगों को लगाई जा रही है।
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