नई दिल्ली। एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ। रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को सितंबर तक बच्चों के लिए मंजूरी दी जा सकती है। डॉ। गुलेरिया ने कहा, ”बच्चों पर कोवैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल के बाद सितंबर तक डाटा उपलब्ध हो जाएगा।
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इसी महीने बच्चों के लिए कोवैक्सीन को मंजूरी दी जा सकती है।” इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर फाइजर-बायोएनटेक को भारत में मंजूरी मिलती है तो यह भी बच्चों के लिए एक वैक्सीन का एक विकल्प हो सकता है।”
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गुलेररिया ने इस बात से इनकार किया कि तीसरी लहर में बच्चों के प्रभावित होने की संभावना ज्यादा है। उन्होंने कहा कि इस थ्योरी पर विश्वास करने का कोई कारण ही नहीं है। बता दें कि हाल कि में WHO और एम्स ने मिलकर एक सीरो सर्वे किया था।
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इस सर्वे के जो निष्कर्ष सामने आए थे उसके मुताबिक बच्चों के वयस्कों की तुलना में बहुत अधिक प्रभावित होने की संभावना नहीं है। यह अध्ययन पांच चयनित राज्यों में कुल 10,000 की प्रस्तावित आबादी के बीच किया।
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इसके साथ ही डॉ। गुलेरिया ने बच्चों के स्कूलों को खोलने पर विचार करने के लिए भी कहा, हालांकि उन्होंने कहा कि हमें यह भी तय करना पड़ेगा कि शिक्षण संस्थान कोरोना के सुपर स्प्रेडर ना बन जाएं।
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बता दें कि एम्स पटना और एम्स दिल्ली में दो से 12 साल तक के बच्चों पर कोवैक्सीन का ट्रायल चल रहा है। डीसीजीआई ने 12 मई को भारत बायोटेक को बच्चों पर दूसरे और तीसरे तरण के ट्रायल की मंजूरी दी थी।