पणजी, 13 सितंबर (भाषा) गोवा में शुक्रवार को संपन्न हुई 20वीं समुद्री राज्य विकास परिषद (एमएसडीसी) की बैठक के दौरान केंद्र, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 80 से अधिक महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान किया गया।
बैठक के बाद जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक दो दिवसीय आयोजन के दौरान बंदरगाह बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण, संपर्क, वैधानिक अनुपालन, समुद्री पर्यटन, नौवहन परियोजनाओं, स्थिरता और बंदरगाह सुरक्षा पर केंद्रित महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान किया गया।
एमएसडीसी की 20वीं बैठक के दौरान विभिन्न राज्यों के 100 से अधिक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया और उनका सफलतापूर्वक समाधान किया गया।
बयान में कहा गया है, ‘‘कई नयी और उभरती चुनौतियों का भी समाधान किया गया, जिनमें संकटग्रस्त जहाजों के लिए शरण स्थलों (पीओआर) की स्थापना, सुरक्षा बढ़ाने के लिए बंदरगाहों पर रेडियोधर्मी पहचान उपकरण (आरडीई) के बुनियादी ढांचे का विकास, और नाविकों को प्रमुख आवश्यक श्रमिकों के रूप में मान्यता देकर उनकी सुविधा सुनिश्चित करना, बेहतर कार्य स्थितियां सुनिश्चित करना और तट पर छुट्टी तक पहुंच सुनिश्चित करना शामिल है।’’
बैठक में केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल, राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर और गोवा के मंत्री एलेक्सी सेक्वेरा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
बैठक में भारत के समुद्री क्षेत्र में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने और प्रदर्शन में सुधार लाने के लिए राज्य रैंकिंग ढांचे और बंदरगाह रैंकिंग प्रणाली के कार्यान्वयन पर चर्चा की गई।
बैठक को संबोधित करते हुए सोनोवाल ने कहा कि एमएसडीसी भारतीय बंदरगाह विधेयक और सागरमाला कार्यक्रम जैसी नीतियों और पहलों को क्रियान्वित करने में सहायक रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘केन्द्र सरकार, राज्यों और समुद्री बोर्डों के बीच प्रमुख मुद्दों को सुलझाकर परिषद ने भारत के समुद्री बुनियादी ढांचे के निर्बाध विकास को सुनिश्चित किया है, जिससे तटीय राज्यों को उभरते अवसरों का लाभ उठाने में मदद मिली है।’’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले दो दशकों में एमएसडीसी के प्रयासों से 50 से अधिक गैर-प्रमुख बंदरगाहों का विकास संभव हुआ है, जो अब भारत के वार्षिक माल (समुद्री मार्ग से आयात-निर्यात) का 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सा संभालते हैं। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे प्रमुख बंदरगाह अपनी क्षमता के करीब पहुंच रहे हैं, ये गैर-प्रमुख बंदरगाह भारत के समुद्री क्षेत्र के भविष्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
भाषा धीरज प्रशांत
प्रशांत
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