नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली समिति ने गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार 2021 के लिए चुना है। लेकिन बीच समाचार एजेंसी पीटीआई के हवाले से खबर आई है कि प्रेस के ट्रस्टी बोर्ड की बैठक में फैसला किया गया कि प्रकाशन संस्था पुरस्कार स्वीकार करेगी (Gita Press refuses Rs 1 crore cash reward) लेकिन एक करोड़ रुपये की धनराशि नहीं लेगी।
पालघर में “आदिपुरुष” फिल्म के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, लोगों ने लगाए ‘जय श्री राम’ के नारे
भाजयुमो कार्यकर्ताओं की पुलिस से झूमाझटकी, थाना प्रभारी के पैर में लगी चोट
पीटीआई के मुताबिक गीता प्रेस के प्रबंधक लालमणि त्रिपाठी ने सोमवार को कहा, ‘‘हम केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार और विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ‘गांधी शांति पुरस्कार’ प्रदान करने के लिए धन्यवाद देते हैं। किसी भी प्रकार का दान स्वीकार नहीं करना हमारा सिद्धांत है, इसलिए न्यास बोर्ड ने निर्णय लिया है कि हम निश्चित रूप से पुरस्कार के सम्मान के लिए पुरस्कार स्वीकार करेंगे, (Gita Press refuses Rs 1 crore cash reward ) लेकिन इसके साथ मिलने वाली धनराशि नहीं लेंगे।’’ त्रिपाठी ने बताया कि गीता प्रेस की स्थापना 29 अप्रैल 1923 को हुई थी। प्रेस से अब तक 93 करोड़ से अधिक पुस्तकों का प्रकाशन हो चुका है।