ट्रंप के आने के बाद पेरिस समझौते का भविष्य अधर में : रमेश |

ट्रंप के आने के बाद पेरिस समझौते का भविष्य अधर में : रमेश

ट्रंप के आने के बाद पेरिस समझौते का भविष्य अधर में : रमेश

:   Modified Date:  November 6, 2024 / 04:57 PM IST, Published Date : November 6, 2024/4:57 pm IST

नयी दिल्ली, छह नवंबर (भाषा) कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत सुनिश्चित होने के बाद बुधवार को कहा कि जलवायु परिवर्तन से जुड़े वर्ष 2015 के पेरिस समझौते का भविष्य अधर में पड़ गया है।

उन्होंने यह भी कहा कि यदि अमेरिका फिर से इस समझौते से पीछे हट गया, तो यह विनाशकारी होगा।

रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘डोनाल्ड ट्रंप ने आश्चर्यजनक वापसी की है। निस्संदेह, ऐसा क्यों और कैसे हुआ, इसका अगले कुछ हफ्तों में विस्तार से विश्लेषण किया जाएगा। साथ ही यह सवाल भी उठेगा कि इस वापसी का अमेरिका और बाकी दुनिया के लिए क्या मतलब है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह निश्चित है कि जलवायु परिवर्तन पर 2015 के पेरिस समझौते का भविष्य अब अधर में है। यदि अमेरिका फिर से इस समझौता से पीछे हट गया, तो यह विनाशकारी होगा।’’

ट्रंप ने अपने पहले राष्ट्रपति कार्यकाल में अमेरिका को ऐतिहासिक पेरिस समझौते से अलग कर लिया था।

अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन ने वर्ष 2021 में 46वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के कुछ ही घंटे बाद कई महत्वपूर्ण कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें वाशिंगटन द्वारा पेरिस जलवायु समझौते को फिर से स्वीकार किया जाना शामिल था।

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के पूर्वानुमानों के अनुसार, ट्रंप को 270 निर्वाचक मंडल वोट मिल सकते हैं, जिससे उनकी प्रतिद्वंद्वी कमला हैरिस की चुनाव जीतने की संभावनाएं समाप्त हो जाएंगी।

‘एसोसिएटेड प्रेस’ द्वारा अपराह्न एक बजे तक उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक, रिपब्लिकन उम्मीदवार ट्रंप ने 267 निर्वाचक मंडल वोट, जबकि डेमोक्रेट प्रत्याशी हैरिस ने 214 निर्वाचक मंडल वोट हासिल कर लिए हैं। 270 या उससे अधिक निर्वाचक मंडल वोट जीतने वाला उम्मीदवार राष्ट्रपति चुना जाता है।

भाषा

हक हक पारुल

पारुल

 

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