आयुक्तों के अभाव में चार राज्य सूचना आयोग निष्क्रिय: रिपोर्ट |

आयुक्तों के अभाव में चार राज्य सूचना आयोग निष्क्रिय: रिपोर्ट

आयुक्तों के अभाव में चार राज्य सूचना आयोग निष्क्रिय: रिपोर्ट

:   Modified Date:  October 11, 2024 / 04:33 PM IST, Published Date : October 11, 2024/4:33 pm IST

नयी दिल्ली, 11 अक्टूबर (भाषा) चार राज्यों में सूचना के अधिकार (आरटीआई) से संबंधित मामलों में शीर्ष अपीलीय निकाय ‘राज्य सूचना आयोग’ निष्क्रिय पड़े हुए हैं क्योंकि सरकारी अधिकारियों के खिलाफ शिकायतों और अपीलों पर निर्णय लेने के लिए उनके पास कोई सूचना आयुक्त नहीं हैं। एक रिपोर्ट में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई।

सूचना का अधिकार अधिनियम के लागू होने की 19वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर पारदर्शिता समर्थक एक समूह ‘सतर्क नागरिक संगठन’ की रिपोर्ट में कहा गया है कि गोवा, झारखंड, त्रिपुरा और तेलंगाना के राज्य सूचना आयोग में कोई आयुक्त नहीं हैं।

आरटीआई अधिनियम के अनुसार, राज्य और केंद्र के सूचना आयोगों में एक मुख्य सूचना आयुक्त और 10 सूचना आयुक्त होते हैं जो नागरिकों द्वारा दायर की गई शिकायतों और अपीलों पर सुनवाई करते हैं। यदि सरकारी अधिकारी कानून के प्रावधानों के अनुसार मांगी गई जानकारी प्रदान नहीं करते तो नागरिक आयोग में शिकायतें करते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि आठ मई, 2020 को अंतिम पदाधिकारी का कार्यकाल पूरा होने के बाद झारखंड में कोई सूचना आयुक्त नियुक्त नहीं किया गया, जिससे यह चार साल से अधिक समय तक पूरी तरह से निष्क्रिय रहा।

इसमें कहा गया है कि राज्य सूचना आयोग त्रिपुरा में तीन साल से अधिक समय से, तेलंगाना में 19 महीने से और गोवा में सात महीने से निष्क्रिय है।

सूचना आयुक्तों के रिक्त पदों के कारण केंद्रीय सूचना आयोग सहित कई राज्य सूचना आयोग कम क्षमता के साथ काम कर रहे हैं।

केंद्रीय सूचना आयुक्त में इसके प्रमुख सहित केवल तीन सूचना आयुक्त हैं, जबकि इनकी कुल संख्या 11 होनी चाहिए।

रिपोर्ट में कहा गया है कि एक जुलाई, 2023 से 30 जून, 2024 के बीच 27 सूचना आयोगों द्वारा 2,31,417 अपीलें और शिकायतें दर्ज की गईं, जिनके लिए प्रासंगिक जानकारी उपलब्ध थी।

आयोगों द्वारा जारी आंकड़ों का विश्लेषण करते हुए कहा गया कि इस अवधि के दौरान 28 आयोगों द्वारा 2,25,929 मामलों का निपटारा किया गया। महाराष्ट्र के राज्य सूचना आयोग ने सर्वाधिक 56,603 मामले निपटाए, जबकि 31,510 मामले निपटाकर उत्तर प्रदेश दूसरे और 28,630 मामले निपटाकर कर्नाटक तीसरे स्थान पर रहा।

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि केंद्रीय सूचना आयोग ने करीब 14,000 अपीलें और शिकायतें लौटा दीं जबकि इसने इस अवधि के दौरान 19,347 मामले दर्ज किये।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 30 जून, 2024 को 29 सूचना आयोगों में लंबित अपीलों और शिकायतों की संख्या 4.05 लाख थी।

भाषा संतोष प्रशांत

प्रशांत

 

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