फॉर्मूला ई रेस मामला : न्यायालय ने प्राथमिकी के खिलाफ केटीआर की अर्जी पर विचार करने से इनकार किया |

फॉर्मूला ई रेस मामला : न्यायालय ने प्राथमिकी के खिलाफ केटीआर की अर्जी पर विचार करने से इनकार किया

फॉर्मूला ई रेस मामला : न्यायालय ने प्राथमिकी के खिलाफ केटीआर की अर्जी पर विचार करने से इनकार किया

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Modified Date: January 15, 2025 / 03:21 PM IST
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Published Date: January 15, 2025 3:21 pm IST

नयी दिल्ली, 15 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव की उस अर्जी पर विचार करने से बुधवार को इनकार कर दिया, जिसके तहत फॉर्मूला ई रेस से जुड़े मामले में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का उनका अनुरोध ठुकरा दिया गया था।

न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति प्रसन्ना बी वराले की पीठ ने कहा कि वह उच्च न्यायालय के फैसले में दखल देने की इच्छुक नहीं है। इसके बाद राव के वकील ने याचिका वापस ले ली और मामले को वापस लिया गया मानकर खारिज कर दिया गया।

सात जनवरी को उच्च न्यायालय ने मामले में केटीआर के खिलाफ दायर प्राथमिकी को रद्द करने से इनकार कर दिया था। इससे उन्हें गिरफ्तारी से मिली सुरक्षा समाप्त हो गई थी।

उच्च न्यायालय ने 31 दिसंबर 2024 को तेलंगाना भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की ओर से दर्ज मामले में राज्य सरकार और केटीआर के वकील की दलीलें सुनने के बाद याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

एसीबी का आरोप है कि फॉर्मूला ई संगठन को 55 करोड़ रुपये का अधिकृत भुगतान, ज्यादातर विदेशी मुद्रा में, जरूरी अनुमोदन के बिना किया गया था।

उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि आरोपों से संकेत मिलता है कि केटीआर ने राज्य कैबिनेट या वित्त विभाग की मंजूरी के बिना हैदराबाद महानगर विकास प्राधिकरण (एचएमडीए) को एक विदेशी कंपनी को बड़ी रकम का भुगतान करने का निर्देश दिया।

आदेश में कहा गया था, “इस बात की जांच किए जाने की जरूरत है कि याचिकाकर्ता ने खुद को या तीसरे पक्ष को फायदा पहुंचाने की गलत नीयत से उक्त भुगतान का निर्देश तो नहीं दिया था? आरोपों को एक साथ पढ़ने पर प्रथम दृष्टया एचएमडीए के गलत कृत्य में शामिल होने और धन का दुरुपयोग किए जाने का मामला बनता है।”

उच्च न्यायालय ने कहा था कि एसीबी के पास जांच करने और सबूत इकट्ठा करने का पर्याप्त अवसर होना चाहिए और अदालत “जल्दबाजी कर जांच को विफल” नहीं कर सकती है।

एसीबी ने पिछले साल 19 दिसंबर को राजकोष को कथित तौर पर 55 करोड़ रुपये का अनुमानित नुकसान पहुंचाने के लिए राव के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित धाराओं के तहत आपराधिक हेराफेरी, आपराधिक कदाचार, आपराधिक विश्वासघात और आपराधिक साजिश का मामला दर्ज किया था।

हालांकि, यह दौड़ फरवरी 2024 में भी होनी थी, लेकिन दिसंबर 2023 में राज्य में कांग्रेस की सरकार आने के बाद इसे रद्द कर दिया गया था।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तेलंगाना में पूर्ववर्ती बीआरएस शासन के दौरान नगरपालिका प्रशासन मंत्री रहे राव को हैदराबाद में दौड़ के आयोजन में कथित अनियमितताओं को लेकर पूछताछ के लिए सात जनवरी को तलब किया था, लेकिन उन्होंने जांच एजेंसी के सामने पेश होने के लिए अतिरिक्त समय मांगा था।

प्राथमिकी में राव को मुख्य आरोपी बनाया गया है। भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के वरिष्ठ अधिकारी अरविंद कुमार और सेवानिवृत्त नौकरशाह बीएलएन रेड्डी भी प्राथमिकी में नामजद हैं।

भाषा पारुल मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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