नई दिल्ली: आर्थिक सुधारों के जनक पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अब पंचतत्व में विलीन हो गए हैं। शनिवार को उनके पार्थिव शरीर को निगमबोध श्मशान घाट लाया, जहां राजकीय सम्मान और विभिन्न रस्मों के बाद उनका अंतिम संस्कार किया गया। पूर्व प्रधानमंत्री के अंतिम संस्कार में निगमबोध घाट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी सहित कई बड़े नेता मौजूद रहे। वहीं उनके परिवार के सदस्यों में बड़ी बेटी उपिंदर सिंह (65), दूसरी बेटी दमन सिंह (61) और तीसरी बेटी अमृत सिंह (58) अंतिम संस्कार के वक्त मौजूद थे।
इससे पहले, कांग्रेस मुख्यालय से निगमबोध घाट तक उनकी अंतिम यात्रा शुरू हुई थी। इस दौरान कांग्रेस के कार्यकर्ता ‘‘जब तक सूरज चांद रहेगा, मनमोहन आपका नाम रहेगा’’ और ‘‘मनमोहन सिंह अमर रहें’’ नारे लगाते रहे। कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पार्टी मुख्यालय में शनिवार सुबह मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी जिसके कुछ ही देर बाद पूर्व प्रधानमंत्री की अंतिम यात्रा आरंभ हुई। सिंह का पार्थिव शरीर जिस वाहन में रखा गया, उसमें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, सिंह के परिवार के कुछ सदस्य और कांग्रेस के कुछ नेता भी बैठे थे। अंतिम यात्रा से पहले सिंह का पार्थिव शरीर कांग्रेस मुख्यालय ‘24 अकबर रोड’ में रखा गया था जहां कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी पूर्व प्रधानमंत्री का पार्थिव शरीर उनके आवास से सुबह करीब नौ बजे कांग्रेस मुख्यालय लाया गया, जहां पार्टी के नेता और कार्यकर्ता उनके अंतिम दर्शन के लिए पहले से ही इंतजार कर रहे थे। सिंह का पार्थिव शरीर रखे जाने के बाद सोनिया गांधी, खरगे, राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा तथा पार्टी के कई अन्य नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। सिंह की पत्नी गुरशरण कौर और उनके परिवार के कुछ अन्य सदस्य भी कांग्रेस मुख्यालय में मौजूद थे। गुरशरण कौर ने भी पुष्प अर्पित करके अपने पति को अंतिम विदाई दी।राहुल गांधी मनमोहन सिंह के परिवार को ढांढस बंधाते हुए उनके साथ पार्टी मुख्यालय के भीतर दाखिल हुए।
बता दें कि कांग्रेस नेता सिंह 2004 से 2014 तक 10 वर्ष देश के प्रधानमंत्री रहे और उससे पहले उन्होंने वित्त मंत्री के रूप में देश के आर्थिक ढांचे को मजबूत करने में मदद की। वह वित्तीय और आर्थिक क्षेत्रों में वैश्विक स्तर पर एक प्रसिद्ध नाम थे। उनके नेतृत्व वाली सरकार ने सूचना का अधिकार (आरटीआई), शिक्षा का अधिकार (आरटीई) और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) जैसी युग परिवर्तनकारी योजनाओं की शुरूआत की। हमेशा नीली पगड़ी पहनने वाले सिंह को 1991 में नरसिम्हा राव सरकार में भारत का वित्त मंत्री नियुक्त किया गया था। आर्थिक सुधारों की एक व्यापक नीति शुरू करने में उनकी भूमिका को दुनिया भर में मान्यता प्राप्त है।
Crime: इस तरह से संबंध बनाने के लिए कहता था…
22 mins ago