आजादी के बाद पिछले 10 वर्षों में पहली बार मजबूत विदेश नीति देखने को मिली है : अमित शाह |

आजादी के बाद पिछले 10 वर्षों में पहली बार मजबूत विदेश नीति देखने को मिली है : अमित शाह

आजादी के बाद पिछले 10 वर्षों में पहली बार मजबूत विदेश नीति देखने को मिली है : अमित शाह

:   Modified Date:  September 17, 2024 / 08:20 PM IST, Published Date : September 17, 2024/8:20 pm IST

नयी दिल्ली, 17 सितंबर (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने एक दशक में विश्व को दिखा दिया है कि भारत की विदेश नीति बहुत मजबूत है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीत राजग सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि देश ने एक दशक में शासन और नीति में अभूतपूर्व स्थिरता देखी है।

शाह ने कहा, ‘‘देश की आजादी के बाद, पिछले 10 वर्ष में पहली बार दुनिया को रीढ़ की हड्डी वाली विदेश नीति देखने को मिली है।’’

उन्होंने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों की विदेश नीति की आलोचना की।

गृह मंत्री ने कहा, ‘‘पहले, भारत की विदेश नीति में रीढ़ की हड्डी दिखाई नहीं पड़ती थी लेकिन अब यह दिखाई पड़ती है।’’

संवाददाता सम्मेलन में उनके साथ सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव भी थे।

संवाददाता सम्मेलन में, मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की उपलब्धियों से अवगत करानी वाली एक पुस्तिका भी वितरित कर प्रधानमंत्री की रूस और यूक्रेन की यात्रा को विदेश नीति के क्षेत्र में उल्लेखनीय बताया गया।

यह उल्लेख किया गया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को फिजी के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ फिजी’ और तिमोर-लेस्ते के ‘ऑर्डर ऑफ तिमोर-लेस्ते’ से सम्मानित किया गया।

प्रधानमंत्री को उनकी रूस यात्रा के दौरान ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल द फर्स्ट-कॉल्ड’ से सम्मानित किया गया।

नयी सरकार के पहले 100 दिनों में प्रधानमंत्री ने सिंगापुर और ब्रुनेई दारुस्सलाम की यात्राएं भी कीं, जो किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी।

मोदी की ऑस्ट्रिया और पोलैंड की यात्राएं भी किसी भारतीय प्रधानमंत्री की क्रमशः 41 और 45 वर्षों में पहली यात्राएं थीं।

सरकार ने उल्लेख किया कि भारत ने तीसरे ‘वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ’ शिखर सम्मेलन की मेजबानी की, जिसमें 120 से अधिक देशों ने भाग लिया।

भारत ने पहली बार यूनेस्को विश्व धरोहर समिति की बैठक की भी मेजबानी की।

भाषा सुभाष माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)