Flight 812 Air Express Accident

Flight 812 Accident: जब विमान में ही सो गए थे पायलट, देखते ही देखते 158 यात्री समा गए मौत के मुँह में, पढ़े क्या हुआ था फ्लाइट 812 के साथ

Flight 812 Air Express Accident जब विमान में ही सो गए था पायलट और देखते ही देखते 158 यात्री समां गए मौत के मुँह में

Edited By :   Modified Date:  May 22, 2023 / 09:56 AM IST, Published Date : May 22, 2023/9:49 am IST

मैंगलोर: करीब 13 साल पहले यानि 22 मई 2010 को एयर इंडिया एक्सप्रेस का एक यात्री विमान मंगलोर में भीषण हादसे का शिकार हो गया था। यह विमान था एयर एक्सप्रेस का फ्लाइट 812 (Flight 812 Air Express Accident) जो दुबई से आ रहा था। 22 मई 2010 को एयर इंडिया की दुबई से मंगलोर आ रही फ्लाइट संख्या 812 लैंडिंग के वक्त रनवे को पार करते हुए पहाड़ी में जा गिरी थी। उस हादसे में158 लोगों की मौत हो गई। उस विमान में 160 यात्री और 6 चालक दल के सदस्य थे। सभी चालक दल सदस्यों और 152 यात्रियों की हादसे में जान चली गई। सिर्फ 8 यात्री ही बच सके थे। यह हादसा एयर इण्डिया के इतिहास में अब तक का सबसे भीषण हादसा था। जांच में पाया गया की यह हादसा दोनों पायलट की भरी चूक और लापरवाही की वजह से हुआ था। हादसे में दोनों पायलट भी मारे गए थे।

सिक्सलेन रोड के लिए तोड़ी जा रही झुग्गियां, मुआवजा नहीं मिलने पर भड़के पूर्व मंत्री, पूरी रात बीच सड़क पर दिया धरना

Kozhikode AI Express crash: 56 passengers sent home, says airline | Latest News India - Hindustan Times

इस विमान ने दुबई से रात के 2 बजकर 36 मिनट पर टेकऑफ किया था। ये एक बोइंग 737 प्लेन था, जिसमें क्रू सहित कुल 166 लोग सवार थे। फ्लाइट को कर्नाटका में मैंगलोर इंटरनेशनल एयरपोर्ट में लैंड करना था और इसके कैप्टन थे, सर्बियाई मूल के ज़्लाटको ग्लूसिका। फ्लाइट के फर्स्ट ऑफिसर थे हरबिंदर अहलुवालिया। दोनों अनुभवी थे और कई बार इस रुट पर उड़ान भर चुके थे। दुबई से मैंगलोर पहुंचने में लगभग साढ़े तीन घंटे का समय लगना था। इसलिए ज़्लाटको ने टेक ऑफ के बाद कमान अहलुवालिया के हाथ सौंप दी। और खुद लम्बी नींद में चले गए। फ्लाइट निश्चित गति से उड़ती रही।

आज कैबिनेट में फेरबदल, इस दिवंगत नेता की बेटी को बनाया जा सकता हैं मंत्री, जाने और किन्हे मिलेगा मौका

Air India Express crash: As probe begins, India asks could this tragedy have been avoided? | Newsmobile

लेकिन जब विमान को मैंगलोर में टेकऑफ करना था तो विमान की कमान फर्स्ट ऑफिसर ज़्लाटको को अपने हाथ में ले ले लेनी थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। फ्लाइट का संचालन अब भी फर्स्ट ऑफिसर हरबिंदर अहलुवालिया के हाथ में थी। उन्होंने विमान को उतारने के दौरान जरूरी प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया। जिसमे प्रमुख था प्लेन को धीरे-धीरे नीचे लाना। (Flight 812 Air Express Accident) मैंगलोर के जटिल रनवे में यह काम विमान को अपने पहुँच एयरपोर्ट से 250 किलोमीटर पहले शुरू कर देना था लेकिन फर्स्ट ऑफिसर हरबिंदर अहलुवालिया ने ऐसा नहीं किया, नतीजतन जब विमान ढाई किलोमीटर लम्बे रनवे पर उतरा तो आधा रनवे ख़त्म हो चुका था।

IPL 2023: फैन ने की रोहित शर्मा से सरेआम होंठो पर Kiss की मांग, हिटमैन भी रह गये सन्न, देखें यें Video…

Air India Express Plane Crash: Kozhikode Crash Brings Back Chilling Memories of 2010 Crash

158 Passangers killed

इसके साथ ही फ्लाइट की स्पीड भी काफी अधिक थी। देखते ही देखते विमान रनवे को पार कर आगे बढ़ गया। रनवे के बाद विमान का एक पंख किनारे खम्बे से टकरा गया और इससे विमान में आग लग गई। विमान सीधे खाई में जा गिरा। इस हादसे के बाद जब प्लेन रुक तो 8 यात्री अपनी जान बचाकर जैसे-तैसे बाहर आ गये लेकिन बाकी बचे 158 लोगो की मौत हो गई। यह विमानन इतिहास के सबसे भीषण दुर्घटनाओ में गिना जाता हैं।

और भी लेटेस्ट और बड़ी खबरों के लिए यहां पर क्लिक करें