First death from omicron in India
नई दिल्ली, पांच जनवरी (भाषा) भारत में कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप से मौत का पहला मामला बुधवार को राजस्थान में सामने आया जबकि कोविड-19 के नये मामले 70,000 के पार चले गए। केंद्र ने इसे “बेतहाशा वृद्धि” बताया है जिसका प्रसार वायरस की दूसरी क्रूर लहर के दौरान दर्ज प्रसार से “कहीं ज्यादा” है। संक्रमण के प्रसार की गति को दर्शाने वाला पैमाना ‘आर नॉट वैल्यू’ अभी के मामलों में अधिक स्तर पर है।
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First death from omicron in India
तमिलनाडु और हिमाचल प्रदेश के बढ़ती महामारी से निपटने के लिए रात के कर्फ्यू को नए सिरे से लागू करने वाले राज्यों की बढ़ती सूची में शामिल होने के साथ ही केंद्र ने कहा कि कोविड मामलों में वृद्धि ( पिछले आठ दिनों में 6.3 गुना वृद्धि) शहरों में हो रही है और ओमीक्रोन स्वरूप इसका प्रमुख कारण है।
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी के पॉल ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, “आर नॉट वैल्यू’ 2.69 है। यह 1.69 के उस आंकड़े से अधिक है जो हमने महामारी की दूसरी लहर के चरम पर देखी थी। मामलों का प्रसार पहले से कहीं अधिक तेज है।’
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सुबह आठ बजे तक के अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक, देश में अभी तक कोरोना वायरस के नये स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ के 2,135 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 828 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं या अन्य स्थानों पर चले गए हैं। ये मामले 24 राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों में सामने आए। महाराष्ट्र में सबसे अधिक 653 मामले सामने आए, इसके बाद दिल्ली में 464, केरल में 185, राजस्थान में 174, गुजरात में 154 और तमिलनाडु में 121 मामले सामने आए।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि राजस्थान के उदयपुर में 73 वर्षीय व्यक्ति जिसकी पिछले सप्ताह मृत्यु हो गई, उसके नमूने में ओमीक्रोन स्वरूप की उपस्थिति दिखी। स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राजस्थान में मौत का मामला ‘तकनीकी रूप से’ ओमीक्रोन से संबंधित है।
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उन्होंने कहा, ‘‘ ओमीक्रोन से संक्रमित होने की रिपोर्ट आने से पहले ही व्यक्ति की मौत हो गई थी। मरीज बुजुर्ग व्यक्ति थे और उन्हें मधुमेह के साथ अन्य बीमारियां भी थीं एवं प्रोटोकॉल के तहत उनका इलाज अन्य रोगों के साथ-साथ संक्रमण के लिए किया जा रहा था।’’ अग्रवाल ने कहा,‘‘हमारे दिशानिर्देश कहते हैं कि अगर कोरोना वायरस संक्रमित मरीज की मौत होती है तो उसे कोविड-19 से हुई मौत माना जाता है। इसी प्रकार अगर व्यक्ति ओमीक्रोन से ग्रस्त पाया जाता है और भले ही इसका देर से पता चले, हम उसे ओमीक्रोन संक्रमण का मामला मानते हैं।’’
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)