नई दिल्लीः First Case of HMPV Virus in India: चीन में फैले HMPV नाम के वायरस की अब भारत में भी एंट्री हो चुकी है। भारत के बेंगलुरु में इस वायरस से संक्रमित पहला मिला है। एक अस्पताल में भर्ती 8 माह की बच्ची इससे संक्रमित मिली है। बच्ची को बुखार के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। बता दें कि HMPV आमतौर पर बच्चों में ही डिटेक्ट होता है। सभी फ्लू सैंपल में से 0.7 फीसदी HMPV के होते हैं। इस वायरस का स्ट्रेन क्या है, अभी पता नहीं चल पाया है।
First Case of HMPV Virus in India: इस वायरस को ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस या एचएमपीवी (HMPV) वायरस कहते हैं, जिसके लक्षण काफी हद तक सामान्य सर्दी-जुकाम के समान होते हैं। सामान्य मामलों में यह खांसी या गले में घरघराहट, नाक बहने या गले में खराश का कारण बनता है। छोटे बच्चों और बुजुर्गों में HMPV का संक्रमण गंभीर हो सकता है। कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों में यह वायरस गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है।
एचएमपीवी के लिए कोई विशिष्ट एंटीवायरल इलाज नहीं है। रोकथाम ही इसका सबसे प्राथमिक इलाज है। उन्होंने कहा कि अभी इस वायरल का पॉलीमरेज चेन रिएक्शन (पीसीआर) परीक्षण ही निदान का मानक है। गंभीर मामलों में बुखार को नियंत्रित करके और ऑक्सीजन थेरपी से इलाज किया जाता है।
HMPV का भारत में पहला मामला बेंगलुरु में 8 माह की बच्ची में सामने आया। बच्ची को बुखार के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उसकी रिपोर्ट HMPV पॉजिटिव आई है।
HMPV के लक्षण सामान्य सर्दी-जुकाम के समान होते हैं, जैसे खांसी, गले में घरघराहट, नाक बहना और गले में खराश। बच्चों और बुजुर्गों में यह संक्रमण गंभीर हो सकता है।
HMPV के लिए कोई विशिष्ट एंटीवायरल इलाज नहीं है। इसका प्राथमिक इलाज रोकथाम है, और गंभीर मामलों में बुखार को नियंत्रित करना और ऑक्सीजन थेरपी से इलाज किया जाता है।
HMPV वायरस आमतौर पर बच्चों में अधिक पाया जाता है। यह वायरस कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों, विशेषकर बुजुर्गों में, गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है।
HMPV के संक्रमण से बचाव के लिए सामान्य फ्लू से बचाव की तरह ही सावधानियां बरतनी चाहिए, जैसे कि हाथों को नियमित रूप से धोना, संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाकर रखना और मास्क पहनना।
केरल में बस के खाई में गिरने से तीन लोगों…
55 mins ago