नयी दिल्ली, 13 नवंबर (भाषा)दिल्ली पुलिस ने स्थानीय पुलिस कर्मियों को निर्देश दिया है कि वे संदिग्धों और अपराधियों का पता लगाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी के होटल और गेस्ट हाउस की जांच शुरू करें। पुलिस ने यह निर्देश राष्ट्रीय राजधानी में रंगदारी मांगने और गिरोहों के बीच वर्चस्व की लड़ाई के कारण अपराधियों द्वारा गोलीबारी की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर दिया है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि जेल में बंद या विदेश में रह कर अपनी गतिविधियां चला रहे सरगनाओं के इशारे पर सुपारी लेकर हत्या और अपराधियों द्वारा शोरूम व व्यापारियों के घरों के गोलीबारी के कई मामले दिल्ली में सामने आए हैं।
पुलिस मुख्यालय ने स्थानीय पुलिस को निर्देश जारी किए हैं कि वे गेस्ट हाउस और होटल में ठहरने वाले मेहमानों की पहचान सत्यापित करने के लिए उनकी जांच शुरू करें। सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने स्थानीय अपराधियों, बदमाशों और अपने क्षेत्रों में रहने वाले संदिग्ध किशोरों का सत्यापन भी शुरू किया है।
दिल्ली पुलिस के एक उपायुक्त ने पहचान गुप्त रखते हुए ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हमने होटल और गेस्ट हाउस की जांच शुरू कर दी है। हम जमानत पर छूटे अपराधियों और आपराधिक रिकॉर्ड वाले लोगों की गतिविधियों पर भी नजर रख रहे हैं। संदिग्ध किशोरों की भी जांच की जा रही है।’’
अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने जेल में बंद गैंगस्टर और उनके सहयोगियों के संदिग्ध ठिकानों पर भी छापेमारी शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि यह पूरा अभियान दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा और विशेष प्रकोष्ठ के समन्वित प्रयास से उनके संबंधित न्यायाधिकार क्षेत्र में चलाया जा रहा है।
दिल्ली में 15 पुलिस जिला है जिनके अंतर्गत करीब 180 पुलिस थाने आते हैं।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि सितंबर में दक्षिण दिल्ली के ग्रेटर कैलाश स्थित जिम के मालिक की हत्या के लिए एक दर्जन से अधिक संदिग्ध उत्तर प्रदेश से राष्ट्रीय राजधानी आए थे और अपनी योजना को अंजाम देने से पहले एक होटल में रुके थे।
उन्होंने बताया कि जून में फ्यूजन कार शोरूम में जबरन वसूली के लिए गोलीबारी करने वाले और बाद में पश्चिमी दिल्ली के बर्गर किंग में एक व्यक्ति की हत्या में संलिप्त आरोपी अपराध को अंजाम देने से पहले हरियाणा से दिल्ली आकर रुके थे।
पीटीआई-भाषा ने मंगलवार को खबर दी थी कि कैसे जबरन वसूली के फोन कॉल और गोलीबारी की घटनाओं ने दिल्ली पुलिस और व्यापारियों की नींद हराम कर दी है।
आंकड़ों के मुताबिक इस साल अक्टूबर तक दिल्ली के व्यापारियों को लगभग 160 जबरन वसूली के कॉल प्राप्त हुए हैं, यानी औसतन हर दूसरे दिन एक कॉल।
भाषा धीरज माधव
माधव
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