नयी दिल्ली, आठ अक्टूबर (भाषा) देश की राजधानी के लुटियंस इलाके में 24 अकबर रोड स्थित कांग्रेस के मुख्यालय पर मंगलवार की सुबह पटाखे छोड़ते, ढोल नगाड़े बजाते और जलेबियां बांटते हुए जश्न का आगाज हुआ, लेकिन दोपहर होते-होते वहां सन्नाटा पसर गया क्योंकि मुख्य विपक्षी पार्टी हरियाणा में जीत से हार की तरफ बढ़ चली थी।
हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत तय मानकर चल रहे पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए नतीजे स्तब्ध करने वाले थे और कुछ कार्यकर्ताओं के लिए यह पचा पाना मुश्किल था कि कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी के मुकाबले लगातार तीसरी बार हार गई।
मतगणना आरंभ होने के तत्काल बाद जब रुझानों में कांग्रेस हरियाणा में भारी बढ़त बनाती तथा जम्मू-कश्मीर में अपनी सहयोगी नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ बहुमत की तरफ बढ़ती दिखाई दी तो कांग्रेस कार्यकताओं ने जश्न मनाना शुरू कर दिया। कुछ कार्यकर्ताओं ने जोश-जोश में पटाखे भी छोड़ डाले तो कुछ ने जलेबियां भी बांटीं और फिर ढोल नगाड़ों के साथ जश्न का माहौल भी बना दिया गया।
हरियाणा के विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान राहुल गांधी के जलेबी से जुड़े एक बयान की खूब चर्चा हुई थी। इसी पृष्ठभूमि में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जलेबियां बांटनी शुरू कर दीं।
मतगणना के करीब डेढ़ घंटे बाद जब हरियाणा के रुझानों में उलटफेर होना शुरू हुआ तो कांग्रेस नेताओं एवं कार्यकर्ताओं का उत्साह कम होता चला गया।
कांग्रेस कार्यकर्ता जसवंत कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हम तो कभी सोच नहीं सकते थे कि हरियाणा में ऐसे परिणाम आएंगे। यह परिणाम हैरान करने वाला है। एक कार्यकर्ता के रूप में यह हमारे के लिए बहुत निराशाजनक है।’’
कांग्रेस मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं का जोश ठंडा पड़ने के साथ ही पार्टी महासचिव मुकुल वासनिक के कक्ष में बैठे कुछ नेताओं के चेहरों पर निराशा की लकीरें साफ देखी जा सकती थीं।
कांग्रेस नेता दोपहर करीब एक बजे तक यह उम्मीद करते नजर आए कि मतगणना खत्म होते-होते पार्टी हरियाणा में 46 के जादुई आंकड़े को छू लेगी, हालांकि ऐसा नहीं हो सका और भाजपा तथा कांग्रेस के बीच अंतर बढ़ता चला गया।
कांग्रेस दफ्तर में निराशा के इस माहौल के बीच पार्टी के एक पदाधिकारी अपने साथियों का हौसला बढ़ाते हुए यह कहते सुने गए कि ‘अब महाराष्ट्र और झारखंड की तैयारी में जुट जाना है, इस नतीजे से परेशान नहीं होना है।’
देश के मुख्य विपक्षी दल की कैंटीन में भीड़ थी, लेकिन माहौल वहां भी निराशाजनक था। कैंटीन में रोजमर्रा से अलग कुछ पकवान भी बने थे ताकि उत्साहित कार्यकर्ता उनका लुत्फ उठा सकें। कैंटीन के मुख्य द्वार पर पकौड़ियां बनाकर रखी हुई थीं, लेकिन वहां खरीददारों की कमी देखी गई।
कांग्रेस की कैंटीन में काम करने वाले एक युवक ने बड़े ही निराशा भरे लहजे में कहा, ‘‘देख रहे हैं हरियाणा में क्या हो गया ! अब इन पकौड़ियों को भला कौन पूछेगा।’’
पार्टी के कुछ नेता मुख्यालय पर मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे और यह समझाने की कोशिश करते रहे कि हरियाणा में हार जरूर हुई है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में विपक्षी गठबंधन की बड़ी जीत हुई है।
कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ता तो हरियाणा के चुनाव नतीजों के लिए ईवीएम से जुड़ी आशंका के बारे में भी बात करते नजर आए।
भाषा हक हक नरेश
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