हैदराबाद, 20 मार्च (भाषा) तेलंगाना उच्च न्यायालय ने भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के वरिष्ठ नेता और विधायक टी हरीश राव को राहत देते हुए पिछले साल सिद्दीपेट जिले के एक रियल एस्टेट एजेंट से जुड़े फोन टैपिंग मामले में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी बृहस्पतिवार को रद्द कर दी।
हरीश राव और अन्य के खिलाफ जी चक्रधर गौड़ की शिकायत पर यहां पंजागुट्टा पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया था। गौड़ ने आरोप लगाया था कि राव ने उनका फोन टैप करवाया था।
शिकायतकर्ता ने पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के भतीजे एवं पूर्ववर्ती बीआरएस सरकार के दौरान मंत्री रहे हरीश राव पर उनकी तथा उनके सहयोगियों व परिवार के सदस्यों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए राज्य के खुफिया तंत्र का ‘दुरुपयोग’ करने का आरोप लगाया था।
हरीश राव ने बाद में प्राथमिकी को रद्द कराने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने प्राथमिकी को ‘‘अवैध’’ और ‘‘राजनीति से प्रेरित’’ करार दिया था।
अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। उसने बृहस्पतिवार को प्राथमिकी रद्द करने का फैसला सुनाया।
उच्च न्यायालय के आदेश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए हरीश राव ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘आखिरकार न्याय की जीत हुई।’’
भाषा धीरज पारुल
पारुल
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