नयी दिल्ली, 15 जनवरी (भाषा) ऑल इंडियन सिने वर्कर्स एसोसिएशन (एआईसीडब्ल्यूए) नामक संगठन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर हिंदी फिल्म उद्योग के कर्मियों, टेक्नीशियन व जूनियर कलाकारों की शिकायतों को रेखांकित करने के लिए मुलाकात का समय मांगा है।
एआईसीडब्ल्यूए के अध्यक्ष सुरेश श्यामलाल गुप्ता ने 11 जनवरी को भेजे पत्र में फिल्म कामगारों की प्रमुख चिंताओं को उजागर किया है, जिनमें कम वेतन, कार्य की लंबी अवधि और फिल्म सेट पर सुरक्षा की कमी शामिल है।
पत्र के अनुसार, ‘‘ये लोग भारत के मनोरंजन उद्योग की नींव हैं, जो देश की अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक प्रभाव में महत्वपूर्ण योगदान देता है। हालांकि, उनके योगदान के बावजूद, उन्हें शोषण, खराब कामकाजी परिस्थितियों और सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा की कमी का सामना करना पड़ता है।’’
संगठन ने कहा, ‘‘हम इन चुनौतियों का समाधान करने तथा संरचनात्मक सुधार के प्रस्ताव के लिए आपसे हस्तक्षेप का अनुरोध करते हैं, जिससे न केवल इन कर्मियों के जीवन में सुधार आएगा, बल्कि उद्योग को भी मजबूती मिलेगी।’’
इसमें इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि श्रमिकों को ‘‘बिना किसी छुट्टी, उचित अवकाश या आराम के 16 से 20 घंटे प्रतिदिन काम कराया जाता है।’’ पत्र में यह भी कहा गया है कि श्रमिकों को कई दिन तक लगातार काम करने के लिए मजबूर किया जाता है, जिससे उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है।
एआईसीडब्ल्यूए की स्थापना 2016 में हुई थी। यह एक ट्रेड यूनियन संगठन है जिसमें फिल्म उद्योग में काम करने वाले दिहाड़ी श्रमिक, अभिनेता, स्टंट कलाकार और कोरियोग्राफर आदि शामिल हैं। इसके भारत भर में एक लाख से अधिक सदस्य हैं।
भाषा वैभव पवनेश
पवनेश
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