गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, पांच सितंबर (भाषा) छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले में डेढ़ महीने के नवजात शिशु की मौत होने के बाद उसके पिता ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि टीकाकरण के बाद तबीयत बिगड़ने से बच्चे की मौत हुई। हालांकि, राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों ने पिता के इन आरोपों को गलत करार दिया।
शिशु के पिता सरवन अयाम ने बताया कि मरवाही ब्लॉक के सेमरदर्री गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मंगलवार को आयोजित टीकाकरण शिविर में शिशु को टीका लगाया गया था।
अयाम ने दावा किया, ”टीकाकरण के बाद घर पहुंचते ही नवजात की तबीयत खराब हो गई। बुधवार को उसे फिर से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां से बच्चे को गौरेला के जिला अस्पताल भेज दिया गया। इसके बाद नवजात को बेहतर इलाज के लिए बिलासपुर स्थित छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सीएमएस) स्थानांतरित किया जाना था, लेकिन जिला अस्पताल में ही उसकी मौत हो गई।”
अयाम ने बताया कि टीका लगाए जाने से पहले बच्चा पूरी तरह स्वस्थ था।
जिला में टीकाकरण अधिकारी डॉ. केके सोनी ने बताया कि बच्चे को रक्त की कमी (एनीमिया) थी और वह निमोनिया से भी पीड़ित था, जिसके कारण उसकी तबीयत बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई।
मरवाही ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी डॉ. हर्षवर्धन मेहर ने डॉ. सोनी की बात का समर्थन करते हुए कहा कि बच्चे की मौत टीकाकरण के कारण नहीं हुई।
भाषा प्रीति अविनाश
अविनाश
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