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होशियारपुर/चंडीगढ़, 26 जनवरी (भाषा) संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के बैनर तले विभिन्न संगठनों के किसानों ने रविवार को अपनी मांगों के समर्थन में पंजाब में कई स्थानों पर ट्रैक्टर परेड निकाली।
इनमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी, किसानों और खेत मजदूरों के लिए व्यापक ऋण माफी योजना, बिजली का निजीकरण बंद किया जाना, कृषि विपणन पर राष्ट्रीय नीति रूपरेखा (एनपीएफएएम) को वापस लेना और ऋण माफी समेत अन्य मांगें शामिल हैं।
किसानों की मांगों को उजागर करने के लिए एसकेएम के वरिष्ठ नेताओं सहित सैकड़ों किसानों ने ट्रैक्टर मार्च में हिस्सा लिया। कुछ स्थानों पर, उनके ट्रैक्टरों पर काले झंडे प्रमुखता से लगाए गए थे।
एसकेएम ने किसानों से 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर देशभर में जिला, संभाग स्तर पर ट्रैक्टर, मोटरसाइकिल परेड निकालने का आह्वान किया था।
एसकेएम ने हाल में एक बयान में कहा, ‘‘सभी लंबित मांगों को हासिल करने के लिए, भागीदारी बढ़ाने के साथ 2020-21 के दिल्ली बॉर्डर पर ऐतिहासिक किसान संघर्ष से भी बड़ा एक विशाल, दृढ़ और देशव्यापी संघर्ष की योजना बनानी होगी।’’
दूसरी ओर, किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) ने एसकेएम (गैर-राजनीतिक) के साथ मिलकर राज्य में विभिन्न स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें इन संगठनों से जुड़े किसानों ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च के आह्वान के तहत बड़े शॉपिंग मॉल और अन्य जगहों के बाहर अपने ट्रैक्टर खड़े किए।
एसकेएम (गैर-राजनीतिक) पिछले 11 महीनों से खनौरी और शंभू सीमा स्थलों पर किसानों के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहा है।
केएमएम नेताओं ने कहा कि प्रदर्शन का उद्देश्य छोटे व्यापारियों और व्यवसायियों के साथ एकजुटता दिखाना है, जिन्हें कॉरपोरेट घरानों द्वारा कथित तौर पर हाशिए पर रखा जा रहा है। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए इस आयोजन का आह्वान किया गया।
कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव प्रिय रंजन के नेतृत्व में केंद्र सरकार के एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने हाल में एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और केएमएम को अपनी मांगों पर चर्चा के लिए 14 फरवरी को चंडीगढ़ में होने वाली बैठक के लिए आमंत्रित किया था।
इसके बाद एसकेएम (गैर-राजनीतिक) के वरिष्ठ नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने चिकित्सा सहायता ली, लेकिन उन्होंने किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर 26 नवंबर से शुरू किया गया अपना अनिश्चितकालीन अनशन समाप्त नहीं किया।
इस बीच, शनिवार को एसकेएम द्वारा जारी एक बयान में कहा गया था कि एसकेएम की छह सदस्यीय समिति एसकेएम (गैर-राजनीतिक)-केएमएम के साथ कार्रवाई का समन्वय करने का प्रयास करेगी। इन मंचों के बीच समन्वय बैठक 12 फरवरी को चंडीगढ़ में होगी।
भाषा आशीष दिलीप
दिलीप
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)