किसानों का प्रदर्शन: केएमएम ने केंद्र के साथ जल्द बैठक की मांग की, 21 जनवरी का दिल्ली कूच टाला |

किसानों का प्रदर्शन: केएमएम ने केंद्र के साथ जल्द बैठक की मांग की, 21 जनवरी का दिल्ली कूच टाला

किसानों का प्रदर्शन: केएमएम ने केंद्र के साथ जल्द बैठक की मांग की, 21 जनवरी का दिल्ली कूच टाला

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Modified Date: January 20, 2025 / 05:05 PM IST
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Published Date: January 20, 2025 5:05 pm IST

चंडीगढ़, 20 जनवरी (भाषा) किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) ने केंद्र से प्रदर्शनकारी किसानों के साथ 14 फरवरी को प्रस्तावित बैठक जल्द आयोजित करने का सोमवार को आग्रह किया और किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से भी अपना अनिश्चितकालीन अनशन समाप्त करने की अपील की।

किसान मजदूर मोर्चा ने 101 किसानों के समूह के 21 जनवरी को दिल्ली कूच करने के कार्यक्रम को भी 26 जनवरी तक स्थगित करने की घोषणा की

यह संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के साथ मिलकर पिछले 11 महीनों से खनौरी और शंभू बॉर्डर पर जारी किसानों के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहा है।

शनिवार को, कृषि मंत्रालय में संयुक्त सचिव प्रिय रंजन के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल ने खनौरी सीमा स्थल पर डल्लेवाल और एसकेएम (गैर-राजनीतिक) एवं केएमएम के प्रतिनिधियों से मुलाकात की तथा उन्हें 14 फरवरी को चंडीगढ़ में बातचीत फिर से शुरू करने के लिए आमंत्रित किया।

सोमवार को शंभू धरना स्थल पर मीडिया को संबोधित करते हुए केएमएम नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि किसानों के साथ बैठक के लिए जो तारीख (14 फरवरी) तय की गई है, उसमें काफी समय है।

पंढेर ने कहा, ‘‘सरकार ने बैठक आयोजित करने में बहुत समय लगा दिया। यह हमारी शर्त नहीं है, लेकिन हमारी मांग है कि बैठक जल्द हो और यह दिल्ली में हो।’’

उन्होंने कहा कि किसानों को बताया गया था कि बैठक के लिए 14 फरवरी की तारीख तय की गई है, क्योंकि दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर 9 फरवरी तक आदर्श आचार संहिता लागू है।

पंढेर ने कहा कि अगर केंद्र आठवें वेतन आयोग के गठन की घोषणा कर सकता है और निर्वाचन आयोग द्वारा कोई आपत्ति नहीं जताई गई है, तो किसानों के साथ बैठक जल्द करने में क्या समस्या है।

एक अन्य किसान नेता एम एस राय ने कहा कि बैठक के लिए 14 फरवरी की तारीख में काफी समय है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें लगता है कि यह (बैठक) पहले हो सकती है। सरकार का ‘आचार संहिता’ वाला तर्क भ्रामक है क्योंकि वह आठवें वेतन आयोग जैसी बड़ी घोषणाएं कर रही है। जब ऐसी घोषणाएं की जा सकती हैं, तो बातचीत जल्द क्यों नहीं हो सकती।’’

प्रस्तावित बैठक की घोषणा केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल द्वारा शनिवार को किये जाने के बाद, डल्लेवाल ने चिकित्सा सहायता ली, लेकिन अपना आमरण अनशन समाप्त करने से इनकार कर दिया।

केएमएम नेताओं ने डल्लेवाल से अनशन समाप्त करने की अपील की, ताकि वह केंद्र सरकार के साथ होने वाली बैठक में शामिल हो सकें। उन्होंने यह भी बताया कि डॉ. सवाईमान सिंह ने भी कहा है कि भोजन के बिना, केवल चिकित्सा सहायता पर कोई भी जीवित नहीं रह सकता। डॉ. सवाईमान सिंह की टीम ही डल्लेवाल की देखभाल कर रही है।

किसान नेता राय ने कहा, ‘‘यह एक बड़ी लड़ाई है और हमारे मुख्य नेता को वहां होना चाहिए।’’

पंढेर ने कहा, ‘‘हमें आने वाले समय में लड़ाई तेज करनी होगी और हमें सरकार से लड़ना है और इसके लिए मुख्य नेता का स्वस्थ होना जरूरी है। इसलिए केएमएम डल्लेवाल से अपील करता है कि वह भोजन करना शुरू कर दें, ताकि हम केंद्र पर अपनी मांगें मानने के लिए दबाव बना सकें।’’

एसकेएम (गैर-राजनीतिक) के संयोजक डल्लेवाल पिछले साल 26 नवंबर से खनौरी बॉर्डर पर, फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों के समर्थन में आमरण अनशन कर रहे हैं।

राय ने कहा कि 21 जनवरी को प्रस्तावित दिल्ली मार्च, 26 जनवरी तक स्थगित करने का निर्णय लिया गया है। किसानों ने पहले घोषणा की थी कि 101 किसानों का एक समूह 21 जनवरी को शंभू बॉर्डर से दिल्ली के लिए पैदल मार्च फिर से शुरू करेगा।

किसान नेताओं ने 26 जनवरी के राष्ट्रव्यापी ट्रैक्टर मार्च के आह्वान पर कहा कि वे उस दिन दोपहर 12 बजे से अपराह्न 1:30 बजे तक भाजपा कार्यालयों और बड़े शॉपिंग मॉल के बाहर अपने ट्रैक्टर खड़े करेंगे।

एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और केएमएम के बैनर तले किसान पिछले साल 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं, क्योंकि सुरक्षा बलों ने उन्हें अपनी विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली कूच करने की अनुमति नहीं दी थी।

भाषा सुभाष दिलीप

दिलीप

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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