Kisan Andolan

Kisan Andolan: अगर मांगे पूरी नहीं हुई तो…किसानों ने किया फिर बड़ा ऐलान, जानें अब क्या करेंगे अन्नदाता

Kisan Andolan: अगर मांगे पूरी नहीं हुई तो...किसानों ने किया फिर बड़ा ऐलान, जानें अब क्या करेंगे अन्नदाता

Edited By :   Modified Date:  March 14, 2024 / 11:12 PM IST, Published Date : March 14, 2024/10:08 pm IST

नयी दिल्ली: Kisan Andolan हजारों किसानों ने बृहस्पतिवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में “किसान मजदूर महापंचायत” में भाग लिया, जहां कृषि क्षेत्र के संबंध में केंद्र की नीतियों के खिलाफ विरोध तेज करने और आगामी लोकसभा चुनावों के दौरान आंदोलन जारी रखने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया गया। केंद्र द्वारा तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने के बाद 2021 में दिल्ली की सीमाओं पर उनका आंदोलन समाप्त होने के बाद राष्ट्रीय राजधानी में किसानों का यह संभवत: सबसे बड़ा जमावड़ा था।

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Kisan Andolan वर्ष 2021 के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले किसान संगठनों के प्रमुख निकाय संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने “खेती, खाद्य सुरक्षा, भूमि और लोगों की आजीविका को बचाने के लिए केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ लड़ाई तेज करने” का संकल्प व्यक्त किया। प्रस्ताव के मुताबिक, अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे आगामी लोकसभा चुनावों के दौरान भी अपना आंदोलन जारी रखेंगे। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) नेता राकेश टिकैत ने संवाददाताओं को बताया, “हमने यहां बैठक की और सरकार को संदेश गया है कि हमारे देश के किसान एकजुट हैं। सरकार को इस मुद्दे को सुलझाने के लिए हमसे बात करनी चाहिए। यह आंदोलन जल्द रुकने वाला नहीं है और कश्मीर से कन्याकुमारी तक फैल जाएगा।”

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टिकैत ने कहा कि सरकार किसानों को मजदूर बनाकर देश को बर्बाद करना चाहती है। उन्होंने कहा, “उन्होंने बिहार में पहले ही ‘मंडी’ व्यवस्था खत्म कर दी है और अब वे इसे पूरे देश में करना चाहते हैं। इस तरह, वे चाहते हैं कि किसान मजदूर बन जाएं।” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार अलग-अलग किसान संघ बनाकर किसानों की एकता को तोड़ना चाहती है। उन्होंने आरोप लगाया, “वे हमें जाति, धर्म, क्षेत्रवाद और भाषा के आधार पर बांटना चाहते हैं।” महापंचायत में भाग लेने वाले क्रांतिकारी किसान यूनियन के नेता दर्शन पाल ने कहा कि किसानों की मांगों को वर्षों से नजरअंदाज किया गया है।

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उन्होंने कहा, “हमने चुनाव के दौरान भी अपना आंदोलन जारी रखने और भाजपा की नीतियों पर निशाना साधने का प्रस्ताव पारित किया।” किसानों ने प्रदर्शन स्थल पर केंद्र सरकार के खिलाफ नारे भी लगाए. कई महिला किसान भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुईं। महापंचायत में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों से किसान आए थे। किसानों की महापंचायत सुचारु रूप से चले इसके लिए दिल्ली पुलिस ने व्यापक इंतजाम किए थे। उन्होंने यात्रियों को मध्य दिल्ली की ओर जाने वाली सड़कों से बचने के लिए यातायात सलाह भी जारी की थी। पुलिस ने किसानों को इस शर्त पर कार्यक्रम आयोजित करने की इजाजत दी थी कि 5,000 से ज्यादा लोग इकट्ठा नहीं होंगे, हालांकि करीब 10,000 किसान कार्यक्रम स्थल तक पहुंचने में कामयाब रहे।

 

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