नयी दिल्ली, 19 मार्च (भाषा) कांग्रेस ने किसानों की समस्याओं को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि देश के किसानों ने पिछले 10 वर्षों में ‘अन्याय काल’ झेला है और अब देश को उसकी ओर से घोषित ‘किसान न्याय’ गारंटी की जरूरत है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कृषि क्षेत्र से जुड़े कई आंकड़े पेश किए और आरोप लगाया कि कृषि मंत्रालय अपनी हर बुनियादी ज़िम्मेदारी को निभाने में पूरी तरह से विफल रहा है।
उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘जीएसटी का डिज़ाइन पूरी तरह से किसान विरोधी है। जीएसटी के कारण, किसानों के लिए आवश्यक लगभग हर इनपुट की कीमत बढ़ गई है।’’
रमेश ने दावा किया, ‘‘मोदी सरकार कृषि उत्पादों के निर्यात को और अधिक कठिन बना रही है, जबकि सस्ते आयात की अनुमति दे रही है। इससे भारत के किसानों को गंभीर नुक़सान हुआ है। उन्हें न तो अपनी उपज के लिए उचित बाज़ार मूल्य मिल रहा है और न ही निर्यात प्रतिबंध के कारण वे अपनी फसलों की उचित योजना बना पा रहे हैं। ’’
उन्होंने आरोप लगाया कि 2014 के बाद से भारत के किसानों को दी गई सबसे झूठी ‘मोदी की गारंटी’ यह थी कि वह 2016 से 2022 के बीच किसानों की आय दोगुनी कर देंगे। लेकिन ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, 2015-16 से 2018-19 तक वास्तविक कृषि आय प्रति वर्ष केवल 2.8 प्रतिशत बढ़ी।’’
रमेश ने कहा, ‘‘ भारत के किसानों ने 10 साल तक अन्याय-काल झेला है। कृषि मंत्रालय अपनी हर बुनियादी ज़िम्मेदारी को निभाने में पूरी तरह से विफल रहा है, खेती में किसी भी तरह की प्रगति लाने में असमर्थ रहा है और एक दशक तक सिर्फ किसानों को हताश और निराश होते देखा है। भारत को अब कांग्रेस द्वारा घोषित 5 ऐतिहासिक किसान न्याय गारंटी की ज़रूरत है।’’
कांग्रेस ने ‘किसान न्याय’ के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा, कर्ज माफी आयोग के गठन तथा जीएसटी मुक्त खेती का वादा किया है।
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