फर्जी बम की धमकियां: सरकार ने सोशल मीडिया मंचों को गलत सूचनाएं हटाने संबंधी परामर्श जारी किया |

फर्जी बम की धमकियां: सरकार ने सोशल मीडिया मंचों को गलत सूचनाएं हटाने संबंधी परामर्श जारी किया

फर्जी बम की धमकियां: सरकार ने सोशल मीडिया मंचों को गलत सूचनाएं हटाने संबंधी परामर्श जारी किया

:   Modified Date:  October 26, 2024 / 08:26 PM IST, Published Date : October 26, 2024/8:26 pm IST

नयी दिल्ली, 26 अक्टूबर (भाषा) विमानन कंपनियों को उनके विमानों को बम से उड़ाने की मिलने वाली फर्जी धमकियों की बढ़ती संख्या के बीच सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंचों से कहा है कि वे उचित सावधानी बरतें और सूचना प्रौद्योगिकी नियमों के तहत निर्धारित समयसीमा के भीतर गलत सूचना को तुरंत हटा दें या उस तक पहुंच को बाधित करें।

केंद्र सरकार ने यह भी कहा कि इस तरह की गलत सूचना को हटाने या उस तक पहुंच को बाधित करने के अलावा सोशल मीडिया मंच संचालकों का ‘भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता’ 2023 (बीएनएसएस) के तहत अतिरिक्त दायित्व है कि वे अपने मंच के किसी भी उपयोगकर्ता की ओर से किए गए अपराध की अनिवार्य रूप से शिकायत करें। इनमें भारत की एकता, अखंडता, संप्रभुता या सुरक्षा को खतरा पहुंचाने के इरादे से किए गए अपराध भी शामिल हैं।

सरकार ने जारी परामर्श में सोशल मीडिया मंच संचालकों से कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों के तहत वे अपने पास मौजूद सूचनाएं उपलब्ध कराने तथा जांच एजेंसियों को 72 घंटे तक की निर्धारित समय सीमा के भीतर सहायता प्रदान करने के लिए बाध्य हैं।

सरकार की ओर से उठाया गया यह कदम इसलिए अहम है क्योंकि पिछले 12 दिनों में भारतीय विमानन कंपनियों द्वारा संचालित 275 से अधिक उड़ानों को बम से उड़ाने की फर्जी धमकियां मिली हैं। अधिकतर धमकियां सोशल मीडिया मंचों के माध्यम से दी गईं। शुक्रवार को ही भारतीय विमानन कंपनियों द्वारा संचालित 25 से अधिक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को बम से उड़ाने की धमकियां दी गईं।

आईटी मंत्रालय द्वारा जारी परामर्श में कहा गया हैं, ‘‘उपरोक्त के अलावा आईटी नियम 2021 संचालकों को अपने पास मौजूद जानकारी को साझा करने के लिए बाध्य करता है, या जांच या सुरक्षात्मक अथवा साइबर सुरक्षा गतिविधियों के लिए कानूनी रूप से अधिकृत सरकारी एजेंसी को सहायता प्रदान करने के लिए बाध्य करता है….।’’

परामर्श में कहा गया है कि, ‘‘स्थिति की गंभीर प्रकृति’’ पर विचार करते हुए, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय याद दिलाता है कि सोशल मीडिया मंच संचालकों हित सभी मध्यस्थों को अपने मंचों पर फर्जी बम धमकियों सहित ऐसे दुर्भावनापूर्ण कृत्यों को रोकने के लिए उचित प्रयास करने चाहिए।

सोशल मीडिया मंच सचालकों सहित मध्यस्थों को अपने उचित दायित्वों का पालन करना चाहिए जिसमें आईटी नियम 2021 के तहत निर्दिष्ट गैरकानूनी सूचनाओं को तुरंत हटाना या उन तक पहुंच को अक्षम करना शामिल है और यह सब आईटी नियम 2021 के तहत निर्धारित समयसीमा के भीतर किया जाना चाहिए।

सरकार ने कहा कि सोशल मीडिया मंच संचालकों पर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 एवं सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम 2021 (आईटी नियम 2021) के तहत दायित्व है कि वे ऐसी गलत सूचनाओं को तुरंत हटा दें जो सार्वजनिक व्यवस्था और राज्य की सुरक्षा को प्रभावित करती हैं।

मंच संचालक यदि कानूनी दायित्व के अनुरूप कार्रवाई करने में असफल रहते हैं तो सूचना प्रौद्योगिकी कानून की धारा 79 लागू नहीं होगी और वह आगे की कार्रवाई और अभियोजन के लिये उत्तरदायी होंगे।

नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू ने शुक्रवार को आश्वासन दिया था कि सरकार फर्जी बम धमकी देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है।

इस सप्ताह के आरंभ में नायडू ने कहा था कि सरकार विमानन कंपनियों को बम की धमकी देने संबंधी घटनाओं से निपटने के लिए विधायी कार्रवाई करने की योजना बना रही है, जिसमें ऐसी धमकी देने वालों को ‘नो-फ्लाई’ सूची में डालना भी शामिल है।

सरकार ने इस सप्ताह की शुरुआत में सोशल मीडिया मंच ‘मेटा’ और ‘एक्स’ को भी फटकार लगाई थी और उनसे विमानन कंपनियों को फर्जी बम धमकी भेजे जाने के बारे में डेटा साझा करने को कहा था।

भाषा शोभना शफीक धीरज

धीरज

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)