नयी दिल्ली, 23 सितंबर (भाषा) भाजपा और कांग्रेस ने सोमवार को दिल्ली की नवनियुक्त मुख्यमंत्री आतिशी पर उनके पूर्ववर्ती अरविंद केजरीवाल की कुर्सी पर नहीं बैठने के फैसले को लेकर हमला बोला और कहा कि उनका यह कदम संवैधानिक नियमों और मुख्यमंत्री पद का ‘‘घोर अपमान’’ है।
आम आदमी पार्टी (आप) की नेता आतिशी ने सोमवार को दिल्ली की आठवीं मुख्यमंत्री का प्रभार संभाला और कहा कि वह उसी तरह काम करेंगी, जैसे भरत ने अपने बड़े भाई भगवान राम की ‘खड़ाऊं’ को अयोध्या के सिंहासन पर रखकर काम किया था।
वह मुख्यमंत्री कार्यालय में केजरीवाल की कुर्सी पर नहीं बैठीं और उन्होंने कहा कि केजरीवाल की कुर्सी खाली रहेगी। वह केजरीवाल की कुर्सी के बगल में रखी सफेद रंग की एक अन्य कुर्सी पर बैठीं।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई के प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने आतिशी की आलोचना करते हुए कहा कि यह मुख्यमंत्री के पद का ‘‘अपमान’’ है।
भाजपा नेता ने कहा, ‘‘उन्होंने (आतिशी) जो किया है वह आदर्श नहीं है। अपने आचरण से उन्होंने न केवल मुख्यमंत्री पद का अपमान किया बल्कि दिल्ली के लोगों की भावनाएं भी आहत की हैं। अरविंद केजरीवाल को जवाब देना चाहिए कि क्या वह ‘रिमोट कंट्रोल’ से सरकार चलाएंगे।’’
कांग्रेस की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा कि केजरीवाल की कुर्सी खाली रखने के अपने कदम से आतिशी ने खुद को एक ‘कठपुतली’ मुख्यमंत्री साबित कर दिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इस बात पर सख्त आपत्ति है कि भ्रष्टाचार के मामले में जेल में बंद रहे एक व्यक्ति की तुलना भगवान राम से की जा रही है। आतिशी ने सारी हदें पार कर दी हैं और खुद को एक ‘कठपुतली’ मुख्यमंत्री के रूप में पेश किया है।’’
उत्तर-पूर्वी दिल्ली से भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी (आप) ने एक बार फिर संविधान का अपमान किया है और साबित कर दिया है कि आतिशी एक ‘‘कठपुतली’’ मुख्यमंत्री हैं।
तिवारी ने कहा, ‘‘जब कार्यालय में मुख्यमंत्री हो तो खाली कुर्सी का क्या मतलब है? यह कृत्य दिखाता है कि वह एक कठपुतली मुख्यमंत्री हैं और यह संविधान का घोर अपमान है।’’
भाषा शफीक माधव
माधव
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