अमेरिका से प्रवासी भारतीयों के निर्वासन के मुद्दे पर विदेश मंत्री जयशंकर राज्यसभा में देंगे बयान |

अमेरिका से प्रवासी भारतीयों के निर्वासन के मुद्दे पर विदेश मंत्री जयशंकर राज्यसभा में देंगे बयान

अमेरिका से प्रवासी भारतीयों के निर्वासन के मुद्दे पर विदेश मंत्री जयशंकर राज्यसभा में देंगे बयान

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Modified Date: February 6, 2025 / 12:38 PM IST
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Published Date: February 6, 2025 12:38 pm IST

नयी दिल्ली, छह फरवरी (भाषा) अमेरिका से प्रवासी भारतीयों को निर्वासित किए जाने के मुद्दे पर विदेश मंत्री एस जयशंकर बृहस्पतिवार को राज्यसभा में दो बजे बयान देंगे।

संसदीय कार्यमंत्री किरेन रीजीजू ने राज्यसभा में यह जानकारी दी।

इससे पहले, विपक्षी दलों के सदस्यों ने इस मुद्दे पर राज्यसभा में जमकर हंगामा किया था जिसकी वजह से उच्च सदन की कार्यवाही आरंभ होने के कुछ ही देर बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। इस वजह से सदन में शून्यकाल नहीं हो सका था।

दोपहर 12 बजे कार्यवाही आरंभ होते ही सदस्यों ने फिर से हंगामा आरंभ कर दिया।

इस पर, सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि नियम 267 के तहत एक मुद्दा उठाया गया और कांग्रेस के उपनेता प्रमोद तिवारी ने उनसे कक्ष में मुलाकात भी की।

उन्होंने बताया कि यह मुद्दा अमेरिका से भारतीयों को निर्वासित किए जाने का है।

उन्होंने कहा, ‘‘विदेश मंत्री सदन में आज बयान देंगे। स्थिति को देखते हुए मैं सदस्यों को हस्तक्षेप का कुछ अवसर दूंगा। विदेश मंत्री इसके लिए सहमत हो गए हैं।’’

संसदीय कार्यमंत्री रीजीजू ने कहा कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए विदेश मंत्री बयान देने को सहमत हैं और उन्होंने आपसे आग्रह किया है वह दो बजे बयान देंगे। सदस्य भी यही चाहते थे। हस्तक्षेप और सवाल परंपराओं के अपुरूप होना चाहिए।’’

इस पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के जॉन ब्रिटास ने आपत्ति जताई।

सभापति ने कहा कि उन्होंने खुद तय किया है कि इस मुद्दे पर मंत्री का बयान होना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि विदेश मंत्री ने स्वयं मेरी अनुमति मांगी और संकेत दिया कि वह इस मुद्दे पर बयान देंगे। मैं सदन के विभिन्न दलों के नेताओं को हस्तक्षेप की अनुमति दूंगा।’’

विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने सभापति को धन्यवाद दिया कि उन्होंने सरकार को इस मुद्दे पर बयान देने का निर्देश दिया तब जाकर सरकार ने उसे माना।

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार खुद से इस मुद्दे पर बयान नहीं देना चाहती थी। आपका प्रभाव इतना हो गया कि अंतत: उन्हें सहमत होना पड़ गया।’’

धनखड़ ने कहा, ‘‘मेरा प्रभाव इतना रहा कि मंत्री ने स्वयं ही आकर यह कह दिया।’’

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि वह सभापति के पास गए थे और उन्हें बताया कि सदन को इस बारे में (अमेरिका से निर्वासन के बारे में) सूचित किया जाना चाहिए।

इस पर, धनखड़ ने कहा, ‘‘यह अच्छी बात है कि जनहित और राष्ट्रहित के सभी मुद्दों पर सदन को विश्वास में लिया जाना चाहिए।’’

इसके बाद सदन में प्रश्नकाल आरंभ हुआ।

इससे पहले, सुबह उच्च सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही सभापति जगदीप धनखड़ ने पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा को सदन की ओर से जन्मदिन की बधाई दी और फिर इसके बाद आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए।

थोड़ी ही देर बाद आसन पर आए उपसभापति हरिवंश ने बताया कि उन्हें प्रवासी भारतीयों को अमेरिका से निर्वासित किए जाने, महाकुंभ में कथित कुप्रबंधन सहित अन्य मुद्दों पर नियम 267 के तहत चर्चा के लिए कुल 13 नोटिस मिले हैं।

नोटिस देने वालों में कांग्रेस के अनिल कुमार यादव, शक्तिसिंह गोहिल, प्रमोद तिवारी, रेणुका चौधरी और अशोक सिंह, तृणमूल कांग्रेस के साकेत गोखले, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के संतोष कुमार पी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के वी शिवदासन शामिल थे।

उपसभापति ने सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए।

इसके बाद कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, वाम दलों आदि के सदस्यों ने जोरदार हंगामा किया।

उपसाभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपने-अपने स्थान पर बैठने और शून्यकाल सुचारू रूप से चलने देने का अनुरोध किया।

हंगामा जारी रहता देख उन्होंने 11 बजकर पांच मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

ज्ञात हो कि अमेरिका का एक सैन्य विमान 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर बुधवार दोपहर अमृतसर स्थित श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा।

निर्वासित लोगों में से 30 पंजाब से, 33-33 हरियाणा और गुजरात से, तीन-तीन महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से तथा दो चंडीगढ़ से हैं।

निर्वासित किये गये लोगों में 19 महिलाएं और चार वर्षीय एक लड़का, पांच व सात वर्षीय दो लड़कियों सहित 13 नाबालिग शामिल हैं।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ व्यापक वार्ता के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वाशिंगटन यात्रा से कुछ ही दिन पहले यह कार्रवाई हुई है।

भाषा ब्रजेन्द्र

ब्रजेन्द्र माधव

माधव

 

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