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नयी दिल्ली, 26 जून (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बुधवार को तीन दिन के लिए सीबीआई हिरासत में भेज दिया। इससे पहले, केंद्रीय एजेंसी ने कथित आबकारी घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में उन्हें गिरफ्तार किया था।
विशेष न्यायाधीश अमिताभ रावत ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक अर्जी पर आदेश पारित किया। एजेंसी ने अदालत की अनुमति प्राप्त करने के बाद केजरीवाल को औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया।
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘सीबीआई की अर्जी तीन दिन के लिए मंजूर की जाती है।’’
आम आदमी पार्टी (आप) के नेता केजरीवाल को तिहाड़ जेल से अदालत में पेश किये जाने पर सीबीआई ने उनकी गिरफ्तारी का अनुरोध करने वाली अर्जी दी। उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच किए जा रहे आबकारी ‘‘घोटाले’’ से जुड़े धन शोधन के एक मामले में जेल में न्यायिक हिरासत में रखा गया था।
भ्रष्टाचार के मामले में, पूछताछ पूरी होने तक केजरीवाल सीबीआई की हिरासत में रहेंगे। यह पूछताछ अधिकतम 15 दिनों तक चल सकती है।
यदि वह सीबीआई और ईडी द्वारा जांच किए जा रहे दोनों मामलों में जमानत हासिल करने में विफल रहते हैं, तो वर्तमान मामले में उनकी पुलिस (सीबीआई) हिरासत समाप्त होने के बाद उन्हें फिर से न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाएगा।
अदालत ने 19 जून को धन शोधन मामले में केजरीवाल की न्यायिक हिरासत तीन जुलाई तक बढ़ा दी थी।
आप नेता को हिरासत में देने का अनुरोध करते हुए सीबीआई ने अदालत से कहा कि मामले में बड़ी साजिश का पता लगाने के लिए उनसे पूछताछ की जरूरत है।
उसने कहा कि केजरीवाल का आमना-सामना अन्य आरोपियों और मामले के सबूतों से कराया जाना जरूरी है।
हालांकि, केजरीवाल ने अदालत के समक्ष खुद के निर्दोष होने का दावा किया।
केजरीवाल ने अदालत से कहा, ‘‘मीडिया में, सीबीआई सूत्रों के माध्यम से यह खबर प्रसारित की जा रही है कि मेरे एक बयान में सारा दोष (दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री) मनीष सिसोदिया पर मढ़ा गया है। मैंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है कि सिसोदिया या कोई और दोषी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कहा है कि सिसोदिया निर्दोष हैं, ‘आप’ निर्दोष है, मैं निर्दोष हूं। उनकी पूरी योजना मीडिया में हमें बदनाम करने की है। कृपया रिकॉर्ड में दर्ज करें कि यह सब सीबीआई सूत्रों के माध्यम से मीडिया में प्रसारित किया जा रहा है।’’
उन्होंने यह भी दावा किया कि एजेंसी इस मुद्दे को सनसनीखेज बना रही है।
उन्होंने अदालत से कहा, ‘‘इसे स्पष्ट किया जाना चाहिए। यह सभी अखबारों में सुर्खियों में होगा। उनका उद्देश्य मामले को सनसनीखेज बनाना है।’’
वहीं, सीबीआई के वकील ने कहा कि किसी भी सूत्र ने ऐसी कोई बात नहीं कही है।
वकील ने कहा, ‘‘मैंने अदालत में दलील दी है। किसी भी सूत्र ने कुछ नहीं कहा है। और मैंने तथ्यों के आधार पर दलील पेश की है।’’
हालांकि, न्यायाधीश ने कहा कि मीडिया किसी भी एक बात को पकड़ लेती है। उन्होंने कहा, ‘‘मीडिया को इस तरह से नियंत्रित करना बहुत मुश्किल है।’’
सीबीआई ने न्यायाधीश से अनुमति मिलने के बाद अदालत के समक्ष गिरफ्तारी की। न्यायाधीश ने एजेंसी द्वारा केजरीवाल को औपचारिक रूप से गिरफ्तार करने की अनुमति मांगने के लिए दायर अर्जी पर यह आदेश पारित किया।
तिहाड़ केंद्रीय कारागार से केजरीवाल को अदालत में पेश किया गया, जिसके बाद सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार करने की अर्जी दी।
सीबीआई ने कहा, ‘‘हमें उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करनी है…वह यहां तक (सह आरोपी) विजय नायर को भी नहीं पहचान रहे हैं जो उनके मातहत काम करते थे। वह कह रहे हैं कि नायर, आतिशी और सौरभ भारद्वाज के अधीन काम करते थे। वह पूरा दोष मनीष सिसोदिया (मामले में सह आरोपी) पर डाल रहे हैं। उनका आमना-सामना कराना है। उन्हें दस्तावेज दिखाने हैं।’’
केंद्रीय एजेंसी ने दावा किया कि ‘दक्षिण की लॉबी’ ने ऐसे समय दिल्ली का दौरा किया जब कोविड-19 महामारी अपने चरम पर थी।
सीबीआई ने अब रद्द हो चुकी दिल्ली आबकारी नीति का संदर्भ देते हुए अदालत में कहा, ‘‘मौतें हो रही थीं। उन्होंने रिपोर्ट तैयार की और अभिषेक बोइनपल्ली को दी। यह विजय नायर के जरिये मनीष सिसोदिया को भेजी गई। कोई बैठक नहीं हुई। उसी दिन इस पर हस्ताक्षर किए गए। उसी दिन इसे अधिसूचित कर दिया गया। इसे लेकर जल्दबाजी थी… जब कोविड था, तब सत्ता की बागडोर किसके हाथ में थी? मुख्यमंत्री के पास। उनके निर्देश पर दक्षिण की लॉबी दिल्ली में बैठी थी और उसने सुनिश्चित किया कि नीति अधिसूचित हो जाए।’’
सीबीआई ने केजरीवाल पर ‘‘अनावश्यक दुर्भावना से प्रेरित आरोप’’ लगाने का भी आरोप लगाया।
सीबीआई का पक्ष रख रहे वकील ने कहा, ‘‘बेवजह द्वेषपूर्ण आरोप लगाए जा रहे हैं। हम चुनाव से पहले यह कार्यवाही कर सकते थे। मैं (सीबीआई) अपना काम कर रहा हूं।’’
केजरीवाल का पक्ष रख रहे वकील ने सीबीआई की हिरासत लेने की अर्जी का विरोध किया और इसे ‘‘पूरी तरह से संदिग्ध’ बताया। उन्होंने कहा, ‘‘यह शक्ति के दुरुपयोग का बड़ा उदाहरण है।’’
भाषा सुभाष पवनेश
पवनेश
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