चंडीगढ़: benefit of reservation पूर्व सैनिकों को सरकारी नौकरी में दिए जाने वाले आरक्षण को लेकर हरियाणा की सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने सरकारी महकमों, बोर्ड-निगमों और सरकारी संस्थानों में नौकरी के लिए पूर्व सैनिकों को सिर्फ एक बार ही आरक्षण देने का फैसला किया है। वहीं, अब एक्स-सर्विसमैन कोटे से भर्ती हुए कर्मचारियों के आश्रितों को भी आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाएगा।
benefit of reservation हरियाणा के मुख्य सचिव ने इस संबंध में सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, मंडलायुक्तों, बोर्ड-निगमों के प्रबंध निदेशकों, मुख्य प्रशासकों, उपायुक्तों व यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार को आदेश जारी कर दिए हैं। अगर कोई पूर्व सैनिक या उसकी पत्नी एक्स सर्विसमैन कोटे से सरकारी नौकरी में है तो उससे ऊंचे पद पर नियुक्ति के लिए वह आरक्षण के पात्र नहीं होंगे। हालांकि आवेदन में आयु सीमा में छूट का लाभ जारी रहेगा।
आदेशोें में साफ किया गया है कि अगर पूर्व सैनिक सरकारी सेवा में नहीं है या आरक्षण के बगैर ही भर्ती हुआ है तो उसके बेटे-बेटी या पति-पत्नी में से किसी एक को पहली नौकरी में एक्स सर्विस कोटे का लाभ दिया जाएगा। यदि किसी पूर्व सैनिक ने नियुक्ति से पहले ही दूसरी नौकरियों के लिए आवेदन कर रखा है तो उसे आरक्षण दिया जाएगा। यह नियम केवल सीधी भर्ती द्वारा भरे जाने वाले पदों पर लागू होगा।
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शहीदों के एक पारिवारिक सदस्य को नौकरी मिलने पर उनके बच्चों को सामान्य सेवा की नौकरियों में आरक्षण नहीं दिया जाएगा। दिव्यांगता के आधार पर सेना से कार्यमुक्त किए गए पूर्व सैनिकों को आरक्षण का लाभ सरकार देगी। बर्खास्त, दुर्व्यवहार व अन्य कारणों से अयोग्य घोषित किए गए पूर्व सैनिकों व उनके बच्चों को आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाएगा।