नयी दिल्ली, 27 जून (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के इस्तेमाल का समर्थन करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि ‘ईवीएम’ उच्चतम न्यायालय से लेकर जनता की अदालत तक हर परीक्षण में सफल रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि लोगों को भारत के लोकतंत्र की विश्वसनीयता को कम करने के हर प्रयास की सामूहिक रूप से निंदा करनी चाहिए।
अठारहवीं लोकसभा के गठन के बाद संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए मुर्मू ने कहा कि लोगों को इस बात पर गर्व होना चाहिए कि भारत बिना किसी बड़ी हिंसा और अव्यवस्था के, इतना बड़ा चुनाव संपन्न कराता है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सफलताएं हमारी साझी धरोहर हैं। इसलिए उन्हें अपनाने में संकोच नहीं स्वाभिमान होना चाहिए।’’
मुर्मू ने कहा कि आज अनेक क्षेत्रों में भारत बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और ये उपलब्धियां देश की प्रगति और सफलताओं पर गर्व करने का अपार अवसर देती हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘जब भारत डिजिटल पेमेंट्स के मामले में दुनिया में अच्छा प्रदर्शन करता है, तो हमें गर्व होना चाहिए। जब भारत के वैज्ञानिक चंद्रयान को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतारते हैं, तो हमें गर्व होना चाहिए। जब भारत दुनिया की सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था बनता है, तो हमें गर्व होना चाहिए।’’
राष्ट्रपति ने आगे कहा, ‘‘जब भारत, इतना बड़ा चुनाव अभियान, बिना बड़ी हिंसा और अराजकता के पूरा कराए तो भी हमें गर्व होना चाहिए। आज पूरा विश्व हमें ‘लोकतंत्र की जननी’ के रूप में सम्मान देता है।’’
उन्होंने कहा कि देश के लोगों ने हमेशा लोकतंत्र के प्रति अपना पूर्ण विश्वास प्रकट किया है एवं चुनाव से जुड़ी संस्थाओं पर पूरा भरोसा जताया है। उन्होंने स्वस्थ लोकतंत्र को बनाये रखने के लिए इस विश्वास को सहेजकर रखने और इसकी रक्षा करने की आवश्यकता पर बल दिया।
मुर्मू ने कहा, ‘‘हमें याद रखना होगा, लोकतांत्रिक संस्थाओं और चुनावी प्रक्रिया पर लोगों के विश्वास को चोट पहुंचाना उसी डाल को काटने जैसा है जिस पर हम सब बैठे हैं। हमारे लोकतंत्र की विश्वसनीयता को ठेस पहुंचाने की हर कोशिश की सामूहिक आलोचना होनी चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी को वह दौर याद है जब बैलट पेपर छीन लिया जाता था, लूट लिया जाता था। इसके बाद मतदान प्रक्रिया को सुरक्षित बनाने के लिए ईवीएम को अपनाने का फैसला किया गया था।’’
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘पिछले कई दशकों में ईवीएम ने उच्चतम न्यायालय से लेकर जनता की अदालत तक हर कसौटी को पार किया है।’’
उन्होंने सफल आम चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव था, जिसमें करीब 64 करोड़ मतदाताओं ने उत्साह और उमंग के साथ अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
मुर्मू ने कहा कि इस बार भी महिलाओं ने बढ़-चढ़कर मतदान में हिस्सा लिया है और इस चुनाव की बहुत सुखद तस्वीर जम्मू-कश्मीर से भी सामने आई है।
उन्होंने कहा, ‘‘कश्मीर घाटी में वोटिंग के अनेक दशकों के रिकॉर्ड टूटे हैं। बीते चार दशकों में कश्मीर में हमने बंद और हड़ताल के बीच अल्प मतदान का ही दौर देखा था।’’
उन्होंने कहा कि भारत के दुश्मन इसको (कम मतदान को) वैश्विक मंचों पर जम्मू-कश्मीर की राय के रूप में दुष्प्रचारित करते रहे, लेकिन इस बार कश्मीर घाटी ने देश और दुनिया में ऐसी हर ताकत को करारा जवाब दिया है।’’
राष्ट्रपति ने कहा कि आम चुनाव के परिणाम यह जनादेश है कि भारत को विकसित बनाने का काम बिना रुके चलता रहे और भारत अपना लक्ष्य हासिल करे।
उन्होंने संचार क्रांति के कारण विघटनकारी ताकतों की बढ़ती सक्रियता पर चिंता जताते हुए कहा, ‘‘आज की संचार क्रांति के युग में विघटनकारी ताकतें, लोकतंत्र को कमजोर करने और समाज में दरारें डालने की साजिशें रच रही हैं। ये ताकतें देश के भीतर भी हैं और देश के बाहर से भी संचालित हो रही हैं।’’
उन्होंने कहा कि ऐसे तत्वों द्वारा अफवाह फैलाने का, जनता को भ्रम में डालने का, गलत सूचनाओं का सहारा लिया जा रहा है और इस स्थिति को ऐसे ही बेरोक-टोक नहीं चलने दिया जा सकता।
मुर्मू ने कहा, ‘‘ऐसे में मानवता के विरुद्ध इनका (सूचना तंत्र का) दुरुपयोग बहुत घातक है। मैं चाहूंगी कि आप सभी इन विषयों पर चिंतन-मनन करके, ठोस और सकारात्मक परिणाम देश को दें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने विश्व मंच पर भी इन चिंताओं को प्रकट किया है और एक वैश्विक रूपरेखा की वकालत की है। हम सभी का (यह) दायित्व है कि इस प्रवृत्ति को रोकें, इस चुनौती से निपटने के लिए नए रास्ते खोजें।’’
भाषा सुरेश सुरेश मनीषा
मनीषा
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