नयी दिल्ली, 20 मई (भाषा) इंद्रप्रस्थ सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी), दिल्ली ने आरोप लगाया कि पड़ोसी संस्थान दिल्ली कौशल एवं उद्यमिता विश्वविद्यालय (डीएसईयू) में निर्माण कार्य के चलते उसके एक प्रवेश द्वार को ‘‘अवैध’’ तरीके से अवरुद्ध कर दिया गया है, जिससे पानी, बिजली और गैस जैसी कई जरूरी सेवाएं प्रभावित हो रही हैं।
संस्थान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि आईआईआईटी ने उप राज्यपाल वी.के. सक्सेना और प्रशिक्षण एवं तकनीकी शिक्षा निदेशालय को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करने की मांग की है।
उन्होंने बताया कि संस्थान ने परिसर के द्वार संख्या तीन को कथित रूप से अवरुद्ध करने के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि आपातकालीन स्थिति में अब संस्थान के पास केवल एक प्रवेश/निकास द्वार रह गया है।
डीएसईयू की ओर से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है और कुलपति अशोक कुमार नागावत से संपर्क नहीं हो सका।
नाम नहीं उजागर करने की शर्त पर अधिकारी ने कहा, ‘‘आईआईआईटी दिल्ली और डीएसईयू का एक साझा मार्ग है जहां हमारी आवश्यक सेवाएं जैसे पानी की आपूर्ति, बिजली की लाइन और गैस की पाइप हैं। ये तीनों सेवाएं आईआईआईटी दिल्ली के द्वार नंबर-तीन से होकर गुजरती हैं और इस द्वार को निर्माण कार्य के बहाने डीएसईयू ने अवरुद्ध कर दिया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम एक तरह से घिर गए हैं क्योंकि परिसर का गेट संख्या-दो पहले ही बंद है।’’
अधिकारी ने कहा, ‘‘किसी भी आपात स्थिति जैसे आग, भूकंप या किसी अन्य प्राकृतिक तथा मानव जनति आपदा की स्थिति में आईआईआईटी दिल्ली के पास परिसर से बाहर निकलने का कोई वैकल्पिक र्मा नहीं है। ऐसे में हमारे 4,000 छात्र और संकाय बेहद खतरनाथ स्थिति में हैं।’’
डीएसईयू दिल्ली सरकार द्वारा स्थापित विश्वविद्यालय है।
दिल्ली के उप राज्यपाल वी.के. सक्सेना विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी हैं।
भाषा
खारी धीरज
धीरज
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