Employment tax exemption for those earning less than Rs 1.8 lakh

 आम आदमी को बड़ी राहत, यहां की सरकार ने किया ये बड़ा ऐलान, जानकर आप भी हो जाएंगे खुश

 आम आदमी को बड़ी राहत, यहां की सरकार किया ये बड़ा ऐलानः Employment tax exemption for those earning less than Rs 1.8 lakh

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:42 PM IST
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Published Date: July 4, 2022 10:27 pm IST

शिलांग : Employment tax exemption मेघालय मंत्रिमंडल ने सोमवार को एक संशोधन को स्वीकृति दे दी, जिसके अंतर्गत वार्षिक 1.8 लाख रुपये से कम आय वालों को रोजगार कर से छूट प्रदान की गई है और नौकरी, व्यापार या अन्य व्यवसायों के माध्यम से कमाई करने वालों का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है। मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने कहा कि मेघालय पेशा, व्यापार, उद्यम एवं रोजगार कर अधिनियम में संशोधन के तहत 1.8 लाख रुपये से कम आय वाले किसी भी व्यक्ति को कर का भुगतान नहीं करना होगा और 12 सकल आय श्रेणियां अब सिमटकर अब केवल चार रह गई हैं। उन्होंने कहा कि पहले केवल 50,000 रुपये से कम आय वाले व्यक्तियों को ही कर से छूट दी जाती थी।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिए  यहां Click करें*<<

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Employment tax exemption संगमा ने कैबिनेट बैठक के बाद कहा, ”मेघालय पेशा, व्यापार, उद्यम एवं रोजगार कर अधिनियम में संशोधन से उन लोगों का पंजीकरण अनिवार्य हो जाएगा जो व्यापार और अन्य व्यवसायों के माध्यम से कमाते हैं। अनुसूचित क्षेत्रों में पंजीकरण जिला परिषदों द्वारा और गैर-अनुसूचित क्षेत्रों में कर विभाग द्वारा किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस निर्णय के बाद जिनकी आय 1.8 लाख रुपये से 3 लाख रुपये सालाना के दायरे में आती है उन्हें 500 रुपये, 3 लाख रुपये से 5 लाख रुपये के बीच आय वालों को 1000 रुपये, 5 लाख रुपये से 7.5 लाख रुपये आय वालों को 1500 रुपये और 7.5 लाख रुपये से अधिक आय वालों को 2500 रुपये का भुगतान करना होगा।

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उन्होंने कहा कि संशोधन ने करों का भुगतान न करने को भी अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया है, जिसके लिए पहले तीन साल तक की कैद हो सकती थी। मुख्यमंत्री ने कहा, ”मंत्रिमंडल ने देय राशि के चार गुना जुर्माना जोड़कर कारावास के प्रावधान को खत्म करने का निर्णय किया है। इसके अलावा देर से भुगतान करने वालों को सालाना 12 प्रतिशत ब्याज देना होगा।” कैबिनेट ने मेघालय में तदर्थ स्कूल शिक्षकों के लिए 9,000 रुपये तक की अनुदान वृद्धि को भी मंजूरी दी है। कोनराड ने कहा कि इससे राज्य के राजस्व पर सालाना कम से कम 100 करोड़ रुपये का भार पड़ेगा।