नई दिल्लीः Employees Retirement Age Latest News निश्चित उम्र के बाद रिटायर होने के बाद सरकारी कर्मचारियों को पेंशन देना सरकार के लिए बड़ी चुनौती होती है। सरकार पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ता है। यही वजह है कि सरकार की ओर से इसे लेकर कई योजनाएं लाई जाती है, ताकि वित्तीय बोझ कम हो सकें। कई बार तो रिटायरमेंट की उम्र ही बढ़ा दी जाती है। ऐसा ही कुछ हाल ही चीन में देखने को मिला। वहां की सरकार ने अपने कर्मचारियों की रिटायरमेंट की आयु बढ़ा दी है। अब वहां के कर्मचारी 63 की उम्र में रिटायर होंगे। दावा किया जा रहा है कि सरकार अपने उपर वित्तीय भार कम करने के लिए ऐसा किया है। भारत में इसे लेकर अब तमाम तरह की चर्चाएं होनी शुरू हो गई है।
Employees Retirement Age Latest News मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन में जनसंख्या कम हो रही है और बुजुर्ग बढ़ रहे हैं। सेवानिवृत्ति के बाद लोगों की सामाजिक सुरक्षा की जरूरत पूरी करना चीन सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। शायद यही वजग है कि चीन एक जनवरी, 2025 से अपने यहाँ काम करने वालों के लिए रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने का विकल्प देने जा रहा है। यह योजना स्वैच्छिक होगी और पूरी तरह 2040 तक लागू हो सकेगी। योजना के मुताबिक चीन में पुरुष 60 की बजाय 63 साल में रिटायर होंगे। महिलाओं के लिए 55 से 58 (ऑफिस वाला काम करने वाली) और 50 से 55 वर्ष (शारीरिक मेहनत वाला काम करने वाली) किए जाने का प्रावधान सोचा गया है।
बता दें कि ज्यादातर देशों में 60 पार में ही लोगों को रिटायर किया जाता है। जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों में पेंशन पाने की उम्र क्रमश: 65 और 63 साल ही है। अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी जैसे देशों में 66 साल है। वहीं भारत की बात करें तो भारत में भी सरकार के खर्च का एक बड़ा हिस्सा पेंशन पर जाता रहा है, जिसे लगातार कम करने की कोशिश की जाती रही है। यहाँ भी केंद्र सरकार के कर्मचारियाओं की रिटायरमेंट उम्र 62 साल किए जाने पर चर्चा हो रही है। फैसले का इंतजार है। 2023-24 के आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक भारत में जिस रफ्तार से काम चाहने वालों की संख्या बढ़ रही है, उसे देखते हुए गैर कृषि क्षेत्र में हर साल 78.5 करोड़ रोजगार चाहिए। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) के आंकड़े बताते हैं कि जून 2024 में बेरोजगारी दर सात से बढ़ कर नौ प्रतिशत पर पहुँच गई थी। ऐसे में रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाना समस्या का बहुत तात्कालिक और मामूली समाधान हो सकता है। स्थायी उपाय रोजगार के साधन बढ़ाना ही समाधान हो सकता है। अगर यह संभव हो जाए कि लोग जब तक काम करना चाहें तब तक उन्हें काम मिले तो पेंशन के खर्च की चिंता करने कि शायद जरूरत ही न रह जाए।