एल्विश, अन्य यूट्यूबर 500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की जांच को लेकर पुलिस के समक्ष नहीं हुए पेश |

एल्विश, अन्य यूट्यूबर 500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की जांच को लेकर पुलिस के समक्ष नहीं हुए पेश

एल्विश, अन्य यूट्यूबर 500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की जांच को लेकर पुलिस के समक्ष नहीं हुए पेश

:   Modified Date:  October 4, 2024 / 08:17 PM IST, Published Date : October 4, 2024/8:17 pm IST

नयी दिल्ली, चार अक्टूबर (भाषा) ऐप के जरिये 500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी किये जाने के सिलिसले में तलब किये गए ‘यूट्यूबर’ एल्विश यादव सहित चार सोशल मीडिया ‘इन्फ्लुएंसर’ शुक्रवार को दिल्ली पुलिस के समक्ष पेश नहीं हुए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

दिल्ली पुलिस की ‘इंटेलीजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रेटेजिक ऑपरेशंस’ (आईएफएसओ) इकाई (विशेष प्रकोष्ठ) ने जांच में शामिल होने के लिए अभिषेक मल्हान, एल्विश यादव, लक्ष्य चौधरी और पूरव झा को नोटिस जारी किया था।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘इन यूट्यूबर/ सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर को आज की जांच में शामिल होने को कहा गया था। लेकिन वे आईएफएसओ के समक्ष पेश नहीं हुए। इसे याद दिलाने के लिए उन्हें फिर से नोटिस भेजा जाएगा।’’

पुलिस उपायुक्त (आईएफएसओ) हेमंत तिवारी ने कहा कि पुलिस को इस बारे में 500 से अधिक शिकायतें मिली हैं कि कई सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और यूट्यूबर ने अपने पेज पर हायबॉक्स मोबाइल ऐप्लीकेशन(ऐप) को बढ़ावा दिया और ऐप के जरिये लोगों को निवेश करने का प्रलोभन दिया।

डीसीपी तिवारी ने कहा कि इस ऐप के माध्यम से, आरोपियों ने प्रतिदिन एक से पांच प्रतिशत के गारंटीशुदा रिटर्न का वादा किया था, जो एक महीने में 30 से 90 प्रतिशत तक होता।

ऐप को फरवरी 2024 में पेश किया गया था। ऐप के जरिये 30,000 से अधिक लोगों ने निवेश किया।

पुलिस ने बताया कि घोटाले के मुख्य आरोपी शिवराम (30) को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। वह चेन्नई का रहने वाला है।

पुलिस में दायर शिकायत के अनुसार, सौरव जोशी, अभिषेक मल्हान, पूरव झा, एल्विश यादव, भारती सिंह, हर्ष लिंबाचिया, लक्ष्य चौधरी, आदर्श सिंह, अमित और दिलराज सिंह रावत सहित सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर और यूट्यूबर ने उक्त ऐप को बढ़ावा दिया और लोगों को इसके जरिए निवेश करने का प्रलोभन दिया।

डीसीपी ने कहा, ‘‘हायबॉक्स एक मोबाइल ऐप है जो एक सुनियोजित घोटाले का हिस्सा था।’’

पुलिस ने एक बयान में यह भी कहा है कि वह दो भुगतान फ्लेटफॉर्म–ईजबज और फोनपे की भूमिकाओं की भी जांच कर रही है।

वहीं एक बयान में, ईजबज ने कहा, ‘‘हमारे आंतरिक लेनदेन निगरानी प्रणाली अलर्ट प्राप्त होने पर तुरंत ही वित्तीय खुफिया इकाई, भारत (एफआईयू) रिपोर्टिंग मानदंडों के तहत संदिग्ध लेनदेन रिपोर्ट (एसटीआर) दर्ज की गई और हमारी कंपनी अनुपालन नीतियों के अनुसार, लेनदेन करने से रोक दिया गया है।’’

बयान में कहा गया है कि ईजबज जांच प्रक्रिया में अधिकारियों के साथ सहयोग करना जारी रखेगा।

भाषा सुभाष माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)